दिल्ली हिंसा : गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में उपद्रवियों के बचाव में खुलकर सामने आई कांग्रेस, मदद को उतारी 70 वकीलों की फौज

न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान जमकर उत्पात मचाने वाले उपद्रवियों के बचाव में कांग्रेस खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस ने उपद्रवियों को बचाने के लिए 70 वकीलों की फौज उतार दी है।

सान आंदोलन में शामिल उपद्रवियों ने गणतंत्र दिवस पर आईटीओ और लाल किले पर जमकर हंगामा किया। उपद्रवियों ने लालकिले पर अपना झंडा लगा दिया, तलवार और लाठी-डंडे से लैस उपद्रवियों ने लालकिला परिसर में काफी तोड़फोड़ की। ट्रैक्टर रैली के नाम पर हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस ने इस मामले में कई केस दर्ज कर कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। लेकिन, इन उपद्रवियों को बचाने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने वकीलों की फौज उतार दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने 70 वकीलों की एक टीम को इन दंगाइयों का केस लड़ने के लिए लगा दिया है। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि पंजाब सरकार ने दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मामलों के खिलाफ किसानों को फौरी कानूनी सहायता पहुंचाने के लिए दिल्ली में 70 वकीलों की एक टीम की व्यवस्था की है। मैं व्यक्तिगत रूप से लापता किसानों के मुद्दे को गृह मंत्रालय के साथ उठाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि ये व्यक्ति सुरक्षित घर पहुंचें। सहायता के लिए 112 पर कॉल करें।

दंगाइयों की मदद के लिए आगे आने के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी ने भी उपद्रवियों को कानूनी मदद मुहैया कराने का फैसला किया है। वकील प्रशांत पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी 26 जनवरी को लालकिला में खालिस्तानी झंडा फहराने वाले, पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने वाले और हिंसा करने वाले गिरफ्तार खालिस्तानियों का केस लड़ रही है व कानूनी सहायता दे रही है। उन्होंने आगे लिखा, लंगर तो बहाना है, असली मकसद तो खालिस्तानी एजेंडा फैलाना है!’

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