संसद में फिर उठी ‘एक देश एक चुनाव’ की मांग, सरकार ने कहा- लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने से पैसों की होगी बचत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। केंद्र सरकार ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएं तो पैसों की बचत होगी। केंद्र सरकार ने कहा कि राज्यसभा (Rajyasabha) में कहा कि चुनाव बड़े बजट वाले और खर्चीले हो गए हैं और लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से पैसों की बचत होगी। विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराए जाने की आवश्यकता महसूस की गई है क्योंकि चुनाव बड़े बजट वाले और खर्चीले हो गए हैं। विधि आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में शासन में स्थिरता के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने का सुझाव दिया है।’’

रीजीजू ने कहा कि एक साथ निर्वाचन कराने से सरकारी खजाने में भारी बचत होगी वहीं बार-बार चुनाव कराने में प्रशासनिक और विधिक व्यवस्था तंत्र के प्रयासों की पुनरावृत्ति से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राजनैतिक दलों तथा उम्मीदवारों को उनके चुनाव अभियानों में भी काफी बचत होगी तथा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के लंबे समय तक लागू रहने के कारण पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर भी रोक लगेगी।

बता दें कि केंद्र सरकार इससे पहले भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कहती रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि बार बार चुनाव होने से देश पर बहुत यदा आर्थिक बोझ पड़ता है। अगर एक साथ चुनाव हों तो बहुत अधिक खर्च होने से बचाया जा सकता है। और हज़ारों लोगों को चुनाव प्रक्रिया में बार-बार जुटना भी नहीं पड़ेगा। वहीं, विपक्ष इसे लेकर कभी सहमत नहीं हुआ. विपक्ष केंद्र सरकार के इस बयान का विरोध करता रहा है।

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