नए आईटी नियमों के मुद्दे पर फेसबुक और वाट्सएप का पक्ष ले रहा है अंग्रेजी मीडिया!, देखिए सुबूत
न्यूज़ डेस्क। बेलगाम सोशल मीडिया को नियम-कानून के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार जिस गंभीरता से प्रयास कर रही है, लगता है वो सब कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों को रास नहीं आ रहा है। यही वजह है विपक्ष के हाथों में खेलने वाला अंग्रेजी मीडिया मौजूदा विवाद में खुलेआम केंद्र के खिलाफ और फेसबुक के पक्ष में रिपोर्टिंग कर रहा है। ऐसा इसलिए, क्यों कि नए IT कानून के खिलाफ फेसबुक, वाट्सएप आदि के पक्ष को अंग्रेजी अखबारों में बड़ी-बड़ी हेडलाइन के लाइन प्रकाशित किया जा रहा है, जबकि सरकार के पक्ष को अंदर के पन्नों पर जगह दी जा रही है।
Extremely interesting pattern in the reporting following filing of case by WA against GOI rules. Clearly, English language media seems be lobbying for @Facebook as evident from the way how FB version found space on front page while Govt version has been relegated to back pages pic.twitter.com/D36Wt5AHCj
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 27, 2021
जाहिर है कि पिछले साल सितंबर में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने फेसबुक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उनके दुष्प्रचार अभियान के बाद भारत में फेसबुक की शीर्ष अधिकारी पंखी दास को अपना पद छोड़ना पड़ा था। लगता है कि मार्च, 2020 में फेसबुक इंडिया की कम्युनिकेशन हेड की जिम्मेदारी संभालने वाली बिपाशा चक्रवर्ती इससे अच्छी तरह से वाकिफ हैं और इसीलिए मौजूदा विवाद में कांग्रेस और आप के सामने चुप्पी साधे हुए हैं।
Seems @bipchakr – PR head for @facebook in India – has learnt her lessons very well from the way Cong & AAP hounded Ankhi Das last Sept! Clearly, everything seems to be going well with Cong now! pic.twitter.com/LC4aGCjnzy
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 27, 2021
अगर आप भूल गए हों तो आपको याद दिला देते हैं कि किस प्रकार पिछले साल कांग्रेस और आप ने फेसबुक के खिलाफ अभियान चलाया था।
How many of you remember how one year ago, Cong, AAP and their supporters went all guns blazing after FBs Ankhi Das – it all started with @ShashiTharoor accusing Facebook of favouring BJP- @bipchakr was hired in Mar 20 & seems all of them have decide to smoke a peace pipe pic.twitter.com/t7BAJZX4cE
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 27, 2021
अंग्रेजी मीडिया भले ही अपनी जिम्मेदारी भूल गया हो, लेकिन भारत में आज भी राष्ट्रवादी मीडिया मौजूद है, जो बेबाकी के साथ भारत सरकार के पक्ष को जनता के सामने ला रहा है।
Facebook approaching court against Govt is an extension of that assurance. Also @bipchakr seems to have cajoled support of ELM in their fight against GoI but she forgot that vernacular press in India is still nationalist & they have written against WA n spoken abt GoI version pic.twitter.com/3Exw4QUP4x
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 27, 2021
The way ELM has reported this WhatsApp matter is completely opposite of what has been reported by ELM. Their reporting is quite balanced and in line with the mood of the nation. Unlike English media, ELM has refused to act as lobbyists for big tech- @bipchakr u failed here pic.twitter.com/AviLpG8MMD
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 27, 2021
जाहिर है कि फेसबुक और वाट्सएप जैसी कंपनियों के हाथों में खेलने वाले अंग्रेजी मीडिया के पत्रकारों को ऐसे नाजुक वक्त में देशहित का जरा भी ध्यान नहीं रहा है। लेकिन केंद्र सरकार जिस प्रकार आम लोगों के निजता के अधिकार की लड़ाई को लड़ रही है और विदेशी कंपनियों के आगे नहीं झुकी है, वो बेहद सराहनीय है।