पीएम मोदी ने 47वें G-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को किया संबोधित, दुनिया को दिया ‘वन अर्थ-वन हेल्थ’ का मंत्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-7 (ग्रुप ऑफ सेवन) शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्र को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का मंत्र दिया। जर्मन चांसलर मर्केल ने विशेष रूप से पीएम मोदी के मंत्र “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का उल्लेख किया और उनके इस संदेश का समर्थन किया। बैठक के दौरान, COVID-19 वैक्सीन पेटेंट छूट के लिए WTO में भारत-दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव को संदर्भित किया गया।ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने COVID-19 वैक्सीन पेटेंट छूट के बारे में पीएम मोदी के साथ अपनी चर्चा को याद किया, इस मुद्दे पर अपने देश के मजबूत समर्थन से अवगत कराया।

पीएम मोदी कल (13 जून) भी सत्र को संबोधित करेंगे। वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर डिजिटल माध्यम से इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को G-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है। G-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ है।

पीएम मोदी ने जिस सत्र को संबोधित किया उसका शीर्षक ‘बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर – हेल्थ’ था। यह कोरोनावायरस महामारी से वैश्विक पुनर्प्राप्ति और भविष्य की महामारियों के खिलाफ लचीलापन को मजबूत करने पर केंद्रित था। सत्र के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत में COVID संक्रमण की हालिया लहर के दौरान G7 और अन्य अतिथि देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।

उन्होंने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी बताया, और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने COVID संबंधित प्रौद्योगिकियों पर TRIPS छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में प्रस्तावित प्रस्ताव के लिए G7 का समर्थन मांगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का संदेश जाना चाहिए। भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया।प्रधानमंत्री आज G -7 शिखर सम्‍मेलन के अंतिम दिन में भाग लेंगे और दो सत्रों में बोलेंगे।

यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री G-7 की बैठक में शामिल हुए। वर्ष 2019 में फ्रांस की अध्यक्षता में हुए G -7 के शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया था। टिकाऊ सामाजिक-औद्योगिक बहाली’ है. ब्रिटेन ने अपनी अध्यक्षता के लिए प्राथमिकता वाले चार क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है।

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