गन्ना किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, एफआरपी बढ़ाकर हुआ 290 रुपये प्रति क्विंटल, 5 करोड़ किसानों और 5 लाख शुगर मिल श्रमिकों को मिलेगा फायदा
न्यूज़ डेक्स। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ। बुधवार (25 अगस्त, 2021) को मोदी सरकार ने गन्ना किसानों के हित में एक और अहम फैसला किया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चीनी सीजन 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य (एफआरपी) बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया। ये गन्ने के लिए अब तक का सबसे ऊंचा समर्थन मूल्य है। इससे पहले एफआरपी 285 रुपये प्रति क्विंटल था। सरकार के मुताबिक इस फैसले का फायदा 5 करोड़ से ज्यादा गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को मिलेगा। साथ ही इस फैसले का सकारात्मक असर शुगर मिल और उससे जुड़े हुए कार्यों में लगे 5 लाख श्रमिकों पर भी देखने को मिलेगा। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए यह भी निर्णय लिया है कि उन चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं होगी जहां वसूली 9.5 प्रतिशत से कम है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले चीनी सीजन 2019-20 में लगभग 75,845 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 75,703 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है और अब केवल 142 करोड़ रुपये बकाया हैं। हालांकि, वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 90,959 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया में से 23 अगस्त, 2021 तक किसानों को 86,238 करोड़ रुपये की गन्ना बकाया धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। गन्ने के निर्यात में वृद्धि और गन्ने से इथेनॉल बनाने की प्रक्रिया से किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई है। सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि गन्ना किसानों को उनकी बकाया धनराशि समय पर मिले।
मोदी सरकार में गन्ने के FRP में लगातार बढ़ोतरी
7 साल में 38 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि | |||
वर्ष | गन्ना का एफआरपी | ||
2013-14 | 210 रुपये प्रति क्विंटल | ||
2021-22 | 290 रुपये प्रति क्विंटल |
एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1 प्रतिशत अधिक
चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपये प्रति क्विंटल है। 10 प्रतिशत की वसूली दर पर 290 रुपये प्रति क्विंटल की यह एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1 प्रतिशत अधिक है, यह किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न देने के वादे को भी सुनिश्चित करती है। वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 91,000 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 2,976 लाख टन गन्ने की चीनी मिलों द्वारा खरीद की गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है और एमएसपी के मामले में धान की फसल की खरीद के बाद दूसरे स्थान पर है।
आइए एक नजर डालते हैं किस तरह मोदी सरकार ने कोरोना काल में किसानों का ख्याल रखा….
- अब तक पीएम किसान सम्मान निधि की 9 किस्तें जारी
- किसान सम्मान निधि के तहत 1.6 लाख करोड़ रुपये जारी
- 2 करोड़ से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए
- दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कृषि ऋण दिया गया
- कृषि ऋण पर ब्याज दर में छूट का प्रावधान किया गया
- DAP खाद के लिए सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला
- फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ रिकॉर्ड खरीद हुई
- एमएसपी पर उपज खरीद का पैसा बैंक खातों में भेजा गया
- कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के लिए एक लाख करोड़ रुपये
- आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव, फसल बेचने की आजादी
- फसल बीमा योजना का लाभ सभी फसलों व किसानों को मिला