कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों के लिए भी क्यों जरूरी है मास्क? इंडियन काउंसिल (ICMR) ने बताई वजह
नई दिल्ली। यदि आप कोरोना से संक्रमित रहे हैं तो यह मानकर निश्चिंत नहीं हो सकते हैं कि आपके शरीर में तो एंटीबॉडी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने साफ किया है कि कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है, इसलिए मास्क सहित अन्य सावधानियों को जारी रखना जरूरी है।
मृत्यु दर को एक फीसदी से कम लाने का लक्ष्य: स्वास्थ्य मंत्रालय#IndiaFightsCorona #Unite2FightCorona
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) October 20, 2020
आईसीएमआर (ICMR) के डीजी बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा, ”यदि किसी व्यक्ति में पांच महीने में एंटीबॉडी कम हो जाती है, तब दोबारा संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए एक बार संक्रमित होने के बावजूद मास्क पहनना और सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।”
दोबारा हो सकता है कोरोना संक्रमण
ऐसे कई मामले भारत सहित दुनियाभर में सामने आए हैं, जब लोगों को कोरोना ने दोबारा अपनी चपेट में लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद सभी लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बनती है। हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण के दोबारा होने के कई मामले सामने आए हैं, ऐसे में कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अतुल कक्कड़ ने कहा कि कई शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है।
राष्ट्रीय Recovery Rate 88% से अधिक !
सयुंक्त प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण जी ने बताया कि देश का राष्ट्रीय Recovery Rate 88 प्रतिशत से अधिक है और इसमें सतत बढ़ोत्तरी ज़ारी है।@PMOIndia @MoHFW_INDIA #COVID19 pic.twitter.com/Kdmo9quBSx
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 20, 2020
एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नवल किशोर विक्रम ने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाले सभी लोगों के शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं मिलते हैं। यह हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का शरीर इस तरह से प्रतिक्रिया करता है कि उनके शरीर में ठीक होने के बाद एंटीबॉडी पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते या फिर एंटीबॉडी 50 से 60 दिन में ही आधे होने लगते हैं।
भारत में पिछले सप्ताह #COVID19 मामलों के आंकड़ों को देखें तो यह प्रति 10 लाख केवल 310 मामले हैं।
प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण जी ने बताया कि #America, #UK और #France में दूसरी बार #कोविड के मामलों में बढ़त देखी जा रही है।@PMOIndia #CoronaVirusUpdates pic.twitter.com/IIk90axaqn
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 20, 2020
मृत्युदर में गिरावट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक 9.6 करोड़ कोविड-19 जांच की गई हैं, संक्रमित होने की समग्र, साप्ताहिक, दैनिक दरें क्रमश: 7.9 प्रतिशत, छह प्रतिशत, 4.5 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु की दर 1 सितंबर के 1.77 प्रतिशत से कम होकर वर्तमान में 1.52 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह भी बताया कि 84 दिन बाद ऐसा हुआ है कि 24 घंटे में सामने आये कोविड-19 के मामले 50,000 से कम हैं। भारत में पिछले सात दिनों में प्रति 10 लाख आबादी पर कोविड-19 मामलों की संख्या 310 है, जबकि वैश्चिक औसत 315 है।
भारत में मृत्यु दर सबसे कम !
स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण जी ने बताया कि भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर #कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर विश्व में सबसे कम है।@PMOIndia @MoHFW_INDIA #COVID19 pic.twitter.com/IzXpTF2Aeo
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 20, 2020
देश में कोरोना मरीजों के लिए कितनी तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 19 अक्टूबर की स्थिति के अनुसार देश में आक्सीजन से लैस 2,65,046 बिस्तर उपलब्ध हैं जबकि 7,71,36 आईसीयू बिस्तर और 39,527 वेंटीलेटर बिस्तर उपलब्ध हैं। आक्सीजन उत्पादन क्षमता अप्रैल में 5,913 मीट्रिक टन से बढ़कर सितंबर में 6,862 मीट्रिक टन हो गई। अक्टूबर के अंत तक इसमें और बढ़ोतरी होगी और यह 7,191 मीट्रिक टन हो जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि कुल उपचाराधीन मामलों में से 64 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में हैं।
देश में कोरोनावायरस को लेकर वर्तमान स्थिति और किए जा रहे प्रयासों पर प्रेस वार्ता#IndiaFightsCorona #Unite2FightCorona
Live- https://t.co/4oNFPlnuhG pic.twitter.com/S3as7MjFPl— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) October 20, 2020