कभी गोली लगी तो कभी दिखाई दिये हाथों में पत्थर, पुलिस पर उठते हर सवालों में रही इस शख्स की अहम् भूमिका, जांच में होगा पूरा खुलासा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के स्वर का एक बड़ा नाम दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी बनकर उभरा है। लेकिन उसके बाद से ही ये यूनिवर्सिटी विवादों में भी लागतार बना है। अभी हाल ही में जामिया कॉर्डिनेसन कमेटी की तरफ से सोशल मीडिया पर जारी किए गए इस 49 सेकेंड के वीडियो मे यह दिख रहा है कि छात्र यूनिवर्सिटी के ओल्ड रीडिंग हॉल (एम.फिल सेक्शन) में बैठे हुए हैं। पुलिस के आने से पहले एक शख्स डेस्क के नीचे छिपता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि दूसरा जल्दबाजी में उठने को कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है।
Normal students go to library, open books & study.
Whereas, the LEGENDS of #JamiaMiliaIslamia go out wearing masks, pelt stones at Police & hide in library pretending to be Innocents.
But @DelhiPolice are not Liberals to whitewash their Sins. They treat them like Stone Pelters. pic.twitter.com/EGKNWWbWrm
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) February 16, 2020
वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसवाले कमरे में घुसते हैं और छात्रों पर लाठीचार्ज करने लगते हैं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस को लगातार कोसा जा रहा था और देश की कई पार्टी के नेता भी ट्वीटर के माध्यम से अपना रोष प्रकट कर रहे थे। लेकिन इस वीडियो के वायरल के होने के कुछ ही घंटों के बाद एक और वीडियो सामने आता है इस दूसरे वीडियो में लाइब्रेरी के अंदर बाहर से भीड़ आती दिखाई दे रही है, जिनके हाथो में पत्थर और मुँह में कपड़ा बंधा होता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र किताबें बंद कर के बैठे हुए थे और जैसे ही पुलिस आई, उन्होंने किताबें खोल कर पढ़ने का नाटक शुरू कर दिया। साथ ही पुलिस से बचने के लिए छात्र दरवाजे बंद करते नजर आ रहे हैं। इन्हीं छात्रों में एक लंबे बालों वाला युवक भी दिखाई दे रहा है और इसके हाथ में पत्थर भी नजर आ रहा है। दिल्ली पुलिस की SIT के सूत्रों ने बताया है कि जिस युवक के हाथ में पत्थर है, ये वही छात्र है जिसके हाथ में 30 जनवरी को गोली लगी थी।
आपको याद ही होगा कि जामिया से राजघाट तक छात्रों के मार्च के दौरान एक शख्स ने भीड़ पर फायरिंग की थी। इस फायरिंग में एक छात्र घायल हो गया था। घायल छात्र को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया और इस घटना के बाद पुलिस के अमानवीय चेहरे पेश करने की कोशिश भी की गई। कहा गया कि जिस वक्त यह घटना हुई, वहां सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे लेकिन मदद में कोई आगे नहीं आया। बाद में घायल छात्र को बैरिकेड फांद कर उस पार जाना पड़ा। इस काम में भी उसके दोस्तों ने ही मदद की। घायल छात्र का नाम शादाब बताया गया। ऐसे में अब ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सहानूभूति के लिए जामिया के उपद्रवियों ने जानबूझकर काट-छाँट कर वीडियो रिलीज किया।
अब यह जाँच का विषय है की हर मौके पर दिखाई दे रहा तथाकथित लड़का कौन है और हर बार वही क्यों सामने होता है इसकी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोधी धरना-प्रदर्शन में किया भूमिका है।