लोकसभा में बोले राहुल गांधी- ‘हम दो, हमारे दो’ के फॉर्म्युले से कॉरपोरेट को मदद कर रहे PM मोदी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि यह हम दो, हमारे दो की सरकार है। उन्होंने लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”कल प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में विपक्ष के बारे में बोला था कि विपक्ष आंदोलन की बात कर रहा है, लेकिन कृषि कानूनों के कॉन्टैंट और इन्टैंट के बारे में नहीं बोल रहा है, तो मैंने सोचा कि आज प्रधानमंत्रीजी को खुश करें और कृषि कानूनों के कॉन्टैंट को लेकर बात करें।”

उन्होंने कहा कि पहले कानून का कॉन्टैंट यह है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी, फल खरीद सकता है। जितना भी खरीदना चाहता है तो खरीद सकता है। अगर देश में अनलिमिटेड खरीदी होगी तो मंडी में कौन जाकर खरीदेगा। पहले कानून का कॉन्टैंट का लक्ष्य मंडियों को खत्म करने का है। दूसरे कानून का कॉन्टैंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति जितना भी स्टॉक करना चाहते हैं, कर सकेंगे। इसका मतलब जमाखोरी को देश में चालू करने का है। वहीं, तीसरे कानून का कॉन्टैंट यह है कि जब किसान देश के सबसे बड़े उद्योगपति के पास जाकर अपने अनाज का सही दाम मांगेगा तो उसे कोर्ट में नहीं जाने दिया जाएगा।

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि यह किसानों का सिर्फ आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है। एक आवाज से पूरा देश उठने वाला है। पूरा देश एक आवाज से हम दो-हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के बाद देश का कृषि क्षेत्र दो-चार उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया, ”एक नारा था, हम दो हमारे दो। यह हम दो हमारे दो की सरकार है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया, ”प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि उन्होंने विकल्प दिया है। इन्होंने भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या का विकल्प दिया है।”

राहुल गांधी ने अपने संबोधन के बाद संसद में किसान आंदोलन के दौरान मर गए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस सांसदों ने भी मौन रखा। हालांकि, इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं। आप सब ने मुझे जिम्मेदारी है। इस तरह का व्यवहार करना उचित नहीं है। यह गरिमापूर्ण नहीं है। सैनिकों के प्रति 130 करोड़ लोगों का सम्मान है, लेकिन सदन की जिम्मेदारी आपने मुझे दी है, आपकी कभी भावना है तो मुझे बता दें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.