मन की बात : भारत अगर मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर उचित जवाब देना भी जानता है : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जमीन पर आंख उठाकर देखनेवालों को करारा जवाब मिला है। उन्होंने कहा कि भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख-में-आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। हमारे वीर सैनिकों ने दिखा दिया है कि वो कभी भी मां भारती के गौरव पर आंच नहीं आने देंगे। इसके अलावा मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि यह भी कहा कि संकट आने की वजह से पूरे साल को खराब मानना ठीक नहीं है। पीएम ने कार्यक्रम में मॉनसून, कोरोना संकट पर भी बात की।

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोगों के संदेश उन्हें मिलते हैं कि वे लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं। कोरोना संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है। अनलॉक में कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर देना है। मोदी ने मास्क पहनने और दो गज की दूरी का पालन करने को कहा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,” अनलॉक के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी अनलॉक हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कॉमश्यिल ऑक्शन को को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ ही दिन पहले स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार किए गए। उन सुधारों के जरिए वर्षों से लॉकडाउन में जकड़े इस सेक्टर को आजादी मिली। इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को न केवल गति मिलेगी, बल्कि देश टेक्नोलॉजी में भी एडवांस बनेगा। अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो, इस सेक्टर में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थीं। इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है। इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की आजादी मिली है वहीं दूसरी तरफ उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है, ऐसे, अनेक क्षेत्र हैं जहां हमारा देश इन सब संकटों के बीच, ऐतिहासिक निर्णय लेकर विकास के नये रास्ते खोल रहा है।”

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हुए भारत और चीन के विवाद के बाद वोकल फॉर लोकल ने जोर पकड़ा है। भारत में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी मिशन जन भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। अगर आप वोकल फॉर लोकल को सहयोग दे रहे हैं तो यह एक तरह से देश सेवा ही है। इससे देश को मजबूती मिलती है। देश जितना मजबूत होगा, शांति स्थापित करने में उतनी ही मदद मिलेगी। कोरोना संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकलकर अनलॉक के समय में हैं। इस दौरान दो बातों पर फोकस करना है- कोरोना से बचना और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना।

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मन की बात के उद्बोधन के दौरान पीएम मोदी ने हर घर के बच्चों से गुजारिश की। जब टाइम मिले तो घर के बुजुर्गों का इंटरव्यू करें। उनसे पूछे कि बचपन में क्या खेलते थे, छुट्टियों में क्या करते थे। त्योहार कैसे मनाते थे। बुजुर्ग भी इससे खुश होंगे। 40-50 साल पहले क्या होता था, भारत कैसा था बच्चों को भी जानने को मिलेगा।

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प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि मॉनसून पर बोले मोदी कि इसबार बारिश अच्छी होने की उम्मीद है। इसके बाद मोदी ने 80-85 साल के कामेगौड़ा का जिक्र किया। उन्होंने जानवरों को चराते हैं लेकिन अपने इलाके में नए तालाब बनाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि गणेश चतुर्थी पर इको-फ्रैंडली मूर्ति बनाने की कोशिश होनी चाहिए जिससे वह नदी में संकट पैदा न करें।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा को याद किया और कहा कि वह अनेक भाषओं को जानते थे। जो भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे। वह 17 की उम्र से ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह 66वीं मन की बात है। पिछले मन की बात यानी मई वाले ऐडिशन में PM मोदी ने कोरोना अनलॉक 1.0 पर बात की थी।

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