न्यूज़ डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए सबसे पहले ‘वर्ल्ड रिवर डे’ यानी ‘विश्व नदी दिवस’ का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियो, ‘वर्ल्ड रिवर डे’ जब आज मना रहे हैं तो इस काम से समर्पित सबकी मैं सराहना करता हूँ, अभिनन्दन करता हूँ। लेकिन हर नदी के पास रहने वाले लोगों को, देशवाशियों को मैं आग्रह करूँगा कि भारत में, कोने-कोने में साल में एक बार तो नदी उत्सव मनाना ही चाहिए।’
नदियां भौतिक वस्तु नहीं, जीवंत इकाई हैं
देश में नदियों के महत्व के बारे में जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “पिबन्ति नद्यः, स्वय-मेव नाम्भः अर्थात् नदियाँ अपना जल खुद नहीं पीती, बल्कि परोपकार के लिये देती हैं। हमारे लिये नदियाँ एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है, और तभी तो, तभी तो हम, नदियों को माँ कहते हैं। हमारे कितने ही पर्व हो, त्यौहार हो, उत्सव हो, उमंग हो, ये सभी हमारी इन माताओं की गोद में ही तो होते हैं।
हमारे लिये नदियाँ एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है। #MannKiBaat pic.twitter.com/FN2HCc1mYO
— PMO India (@PMOIndia) September 26, 2021
छोटे-छोटे प्रयासों से कभी-कभी तो बहुत बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कभी भी छोटी बात को छोटी चीज़ को, छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। छोटे-छोटे प्रयासों से कभी कभी तो बहुत बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, और अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों की उनके जीवन में कितनी बड़ी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था। हमारे आज के नौजवान को ये जरुर जानना चाहिए कि साफ़-सफाई के अभियान ने कैसे आजादी के आन्दोलन को एक निरंतर ऊर्जा दी थी। ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था।
ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था।
महात्मा गाँधी ने स्वच्छता को स्वाधीनता के सपने के साथ जोड़ दिया था। #MannKiBaat pic.twitter.com/WZhqsOUsvU
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खादी खरीदने का रिकॉर्ड बनाने की अपील
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती पर खादी खरीदने का रिकॉर्ड बनाने की अपील करते हुए कहा, ‘आज आज़ादी के 75वें साल में हम जब आज़ादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, आज हम संतोष से कह सकते हैं कि आज़ादी के आंदोलन में जो गौरव खादी को था आज हमारी युवा पीढ़ी खादी को वो गौरव दे रही है। आज खादी और हैंडलूम का उत्पादन कई गुना बढ़ा है और उसकी मांग भी बढ़ी है। आप भी जानते हैं ऐसे कई अवसर आये हैं जब दिल्ली के खादी शोरूम में एक दिन में एक करोड़ रूपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है। मैं भी फिर से आपको याद दिलाना चाहूँगा कि 2 अक्टूबर, पूज्य बापू की जन्म-जयंती पर हम सब फिर से एक बार एक नया record बनाए। आप अपने शहर में जहाँ भी खादी बिकती हो, हैंडलूम बिकता हो, हेंडीक्राफ्ट बिकता हो और दिवाली का त्योहार सामने है, त्योहारों के मौसम के लिए खादी, हैंडलूम, कुटीर उद्योग से जुड़ी आपकी हर खरीदारी ‘Vocal For Local’ इस अभियान को मजबूत करने वाली हो, पुराने सारे record तोड़ने वाली हो’
Let us buy Khadi products and mark Bapu's Jayanti with great fervour. #MannKiBaat pic.twitter.com/k7U3HYVAWD
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आर्थिक स्वच्छता, गरीबों को अधिकार सुनिश्चित करती है
मन की बात कार्यक्रम में जनधन खातों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस तरह शौचालयों के निर्माण ने गरीबों की गरिमा बढ़ाई, वैसे ही आर्थिक स्वच्छता, गरीबों को अधिकार सुनिश्चित करती है, उनका जीवन आसान बनाती है। अब आप जानते हैं जनधन खातों को लेकर देश ने जो अभियान शुरू किया। इसकी वजह से आज गरीबों को उनके हक का पैसा सीधा, सीधा उनके खाते में जा रहा है जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसे रुकावटों में बहुत बड़ी मात्रा में कमी आई है। ये बात सही है आर्थिक स्वच्छता में technology बहुत मदद कर सकती है। हमारे लिए ख़ुशी की बात है आज गाँव देहात में भी fin-tech UPI से डिजिटल लेन-देन करने की दिशा में सामान्य मानवी भी जुड़ रहा है, उसका प्रचलन बढ़ने लगा है। आपको मैं एक आंकड़ा बताता हूँ आपको गर्व होगा, पिछले अगस्त महीने में, एक महीने में UPI से 355 करोड़ transaction हुए, यानि करीब-करीब 350 करोड़ से ज्यादा transaction, यानि हम कह सकते हैं कि अगस्त के महीने में 350 करोड़ से ज्यादा बार डिजिटल लेन-देन के लिये UPIका इस्तेमाल किया गया है। आज average 6 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का डिजिटल पेमेंट UPI से हो रहा है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में स्वच्छता, पारदर्शिता आ रही है और हम जानते है अब fin-tech का महत्व बहुत बढ़ रहा है।‘