मोदी कैबिनेट ने किये 3 बड़े फैसले, आपके जीवन पर डालेंगे सीधा प्रभाव, आसान भाषा में विस्तार से जानिए पढ़िये बारिकियां

नई दिल्ली। आज PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है। कैबिनेट ने PSU बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बैंक विलय की समयसीमा यानी एक अप्रैल के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे विलय होने वाले बैंको के मुख्य बैंकिंग कार्य बाधित नहीं होंगे। इसके अलावा कैबिनेट ने सिविल एविएशन सेक्टर में विदेशी निवेश के नियमों में भी ढील देने का भी फैसला लिया है जिसके बाद एयर इंडिया में 100 फीसदी विदेशी निवेश का भी रास्ता साफ हो जाएगा।

पंजाब नैशनल बैंक के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक को मिलाया जाएगा, वहीं, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को मिलाया जाएगा। यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा। वहीं, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा।

विलय के बाद अब ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे। SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। साथ ही इस विलय के बाद जो नया बैंक अस्‍तित्‍व में आएगा उसकी 10 हजार से अधिक ब्रांच खुलेंगी।

बैंक के विलय की योजना सबसे पहले दिसंबर 2018 में पेश की गई थी, जब RBI ने कहा था कि अगर सरकारी बैंकों के विलय से बने बैंक इच्छित परिणाम हासिल कर लेते हैं तो भारत के भी कुछ बैंक वैश्विक स्तर के बैंकों में शामिल हो सकता है।

इन बैंकों का विलय

विलय-1
पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (दूसरा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-17.95 लाख करोड़ रुपये)
विलय-2
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक (चौथा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-15.20 लाख करोड़ रुपये)
विलय-3
यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक (पांचवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-14.6 लाख करोड़ रुपये)
विलय-4
इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक (सातवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-8.08 लाख करोड़ रुपये)

कैबिनेट की बैठक में कंपनीज एक्ट में नए बदलावों को मंजूरी दे दी है। जिसके साथ ही 40 कानूनों को आपराधिक दर्जे से बाहर कर दिया है। सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेश में इजाफा होगा।

मोदी सरकार ने एविएशन में FDI पर भी फैसला सुनाया है और सिविल एविएशन में FDI नियमों को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब एयर इंडिया में 100 फीसदी FDI का रास्ता साफ हो गया है।

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