मोदी राज में फिर 5 अगस्त बना बेहद खास, 41 साल का इंतजार हुआ खत्म, तोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने जीता कास्य पदक

न्यूज़ डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी के पिछले 7 साल के कार्यकाल में 5 अगस्त की तारीख बेहद खास बन गई है। यह तारीख साहसिक और ऐतिहासिक फैसलों और सफलताओं के लिए याद रखी जाती है। इस साल यानि 5 अगस्त, 2021 को भी एक इतिहास रचा गया, जब तोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरूष हॉकी टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता। हॉकी टीम ने 41 साल के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक खेलों में पदक जीता। आखिरी पलों में ज्यों ही गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने तीन बार की चैम्पियन जर्मनी को मिली पेनल्टी को रोका। भारतीय खिलाड़ियों के साथ टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख रहे करोड़ों भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गई।

हॉकी टीम की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया और कहा, “ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद में अंकित होगा। कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।“ इस जीत के साथ ही यह धारणा और मजबूत हुई है कि 5 अगस्त की तारीख मोदी सरकार और भारत के लिए काफी शुभ और खास है। इस दिन मोदी सरकार बीजेपी के जनता से किए वादों को पूरा करती है। मोदी सरकार अब तक बीजेपी के दो बड़े सपने को साकार कर चुकी है, जिसमें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना और दूसरा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शामिल है।

ऐतिहासिक फैसलों का दिन 5 अगस्त

5 अगस्त, 2020 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी। करीब 500 साल से हिन्दुओं को जिस पल का इंतजार था, उसे मोदी सरकार ने फलीभूत कर दिया। करोड़ों राम भक्तों का सपना साकार हो गया।

5 अगस्त, 2019 : प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले से जहां 70 साल का सपना साकार हुआ, वहीं जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत हुई। आतंक पर शिकंजे के साथ शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।

5 अगस्त, 2018 : उत्तर प्रदेश के 156 साल पुराने मुगल सराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया था। इसी जंक्शन पर जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमयी मौत 11 फरवरी, 1968 को हुई थी। इसके बाद से यह जंक्शन बीजेपी समर्थकों के लिए एक तीर्थ जैसा बन गया था।

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