PMC समेत कई अन्य बैंकों के खाताधारकों के लिए खुशखबरी! मोदी सरकार ने DICGC एक्ट को दी मंजूरी- बैंक डूबा तो भी 90 दिनों में…
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसले लिये गए। इनमें से एक फैसला बैंक खाता धारकों के लिए भी लिया गया। केंद्रीय कैबिनेट ने आज डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (2021) यानी DICGC को मंजूरी दे दी। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई बैंक डूबता है या फिर RBI उसका लाइसेंस रद्द भी करती है तो ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी। यानी इस स्थिति में बैंक ग्राहकों को DICGC अधिनियम के तहत 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपए तक की बीमा रकम मिल जाएगी।
बीते साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (PMC Bank) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था। PMC Bank के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) पर भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया।
जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मॉनसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन PMC Bank और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था।
मौजूदा प्रावधानों के अनुसार 5 लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है।