#NewEducationPolicy2020 : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के नये भारत की फाउंडेशन तैयार करने वाली है : प्रधानमंत्री मोदी
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च शिक्षा पर आयोजित कॉन्क्लेव को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है। आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र और विचारधाराओं के लोग अपने विचार देने के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को Review कर रहे हैं। यह एक हेल्दी डिबेट है। ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का पक्षपात है, या किसी एक ओर झुकी हुई है।
Addressing ‘Conclave on Transformational Reforms in Higher Education under National Education Policy.’ https://t.co/RmsnBiB37z
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
PM मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों के साथ-साथ नए शिक्षक तैयार करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के नए भारत की नींव रखेगी। रिसर्च और एजुकेशन के गैप को खत्म करने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अहम भूमिका निभाएगी।
हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी National Values के साथ जोड़ते हुए, अपने National Goals के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की नींव तैयार करने वाली है। pic.twitter.com/qyScNQuC4a
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में ढेर सारी किताबों की अनिवार्यता पर जोर कम किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें What to Think पर फोकस रहा है, जबकि इस शिक्षा नीति में How to Think पर बल दिया जा रहा है। कोशिश यह है कि बच्चों को सीखने के लिए Inquiry Based, Discovery Based, Discussion Based और Analysis Based तरीकों पर जोर दिया जाए।
अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें What to Think पर फोकस रहा है,
जबकि इस शिक्षा नीति में How to Think पर बल दिया जा रहा है।कोशिश यह है कि बच्चों को सीखने के लिए Discovery Based, Discussion Based और Analysis Based तरीकों पर जोर दिया जाए। pic.twitter.com/mIbqhkYPT0
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
PM ने कहा कि अब युवाओं को जिंदगी भर किसी एक प्रोफेशन में टिके रहने की जरूरत नहीं है। मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम से स्टूडेंट बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकता है। वह जॉब कर सकता है। वह अपने कोर्स से ब्रेक लेकर दूसरा कोर्स ज्वॉइन कर सकता है। हायर एजुकेशन को स्ट्रीम से मुक्त कर दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में Teacher Training पर बहुत जोर है, वे अपनी Skills लगातार अपडेट करते रहें, इस पर बहुत जोर है। pic.twitter.com/xBew4k3Efw
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
उन्होंने कहा कि आज जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा, तो उसे भविष्य की तैयारी करने में आसानी मिलेगी। कई दशकों से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था, इसलिए समाज में भेड़चाल को प्रोत्साहन मिल रहा था। कभी डॉक्टर-इंजीनियर-वकील बनाने की होड़ लगी हुई थी। अब युवा क्रिएटिव विचारों को आगे बढ़ा सकेगा, अब सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जैसे-जैसे विस्तार होगा, शिक्षा संस्थानों की ऑटोनॉमी की प्रक्रिया भी और तेज होगी। pic.twitter.com/tsWJRcuoDS
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे सामने सवाल था कि क्या हमारी नीति युवाओं को अपने सपने पूरा करने का मौका देती है। क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था युवा को सक्षम बनाती है। नई शिक्षा नीति को बनाते समय इन सवालों पर गंभीरता से काम किया गया है। दुनिया में आज एक नई व्यवस्था खड़ी हो रही है, ऐसे में उसके हिसाब से एजुकेशन सिस्टम में बदलाव जरूरी है। अब 10+2 को भी खत्म कर दिया गया है। स्कूल करिकुलम के 10+2 स्ट्रक्चर से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 करिकुलम का स्ट्रक्चर देना, इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक, अतीत से आधुनिकता तक, सभी बिंदुओं का समावेश करते हुए, इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है।
21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं।
भारत में सामर्थ्य है कि वह टैलेंट और टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है।
इस जिम्मेदारी को भी हमारी एजुकेशन पॉलिसी Address करती है। pic.twitter.com/98IzoBnIau
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
PM मोदी ने कहा,”इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। ये एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से जहां तक संभव हो, 5th class तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है।” उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं।भारत का सामर्थ्य है कि कि वो टैलेंट और टेक्नॉलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है हमारी इस जिम्मेदारी को भी हमारी Education Policy एड्रेस करती है।
हमें अपने विद्यार्थियों को Global Citizen भी बनाना है और इसका भी ध्यान रखना है कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
जड़ से जग तक,
मनुज से मानवता तक,
अतीत से आधुनिकता तक,
सभी बिंदुओं का समावेश करते हुए इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है। pic.twitter.com/WU38a1qto5
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, देश को अच्छे स्टूडेंट्स , अच्छे प्रोफेशनल्स और उत्तम नागरिक देने का बहुत बड़ा माध्यम आप सभी Teachers ही हैं, प्रोफेसर्स ही हैं। इसलिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-राष्ट्रीय शिक्षा नीति में Dignity of Teachers का भी विशेष ध्यान रखा गया है। एक प्रयास ये भी है कि भारत का जो टेलेंट है, वो भारत में ही रहकर आने वाली पीढ़ियों का विकास करे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में टीचर ट्रेनिंग पर बहुत जोर है, वो अपनी स्किल्स लगातार अपडेट करते रहें, इस पर बहुत जोर है।”
आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति की देशभर में चर्चा हो रही है। 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद इसे स्वीकृत किया गया है।
अब सबकी निगाहें इसके Implementation पर हैं। इस चैलेंज को देखते हुए जहां कहीं कुछ सुधार की आवश्यकता है, उसे हमें मिलकर ही करना है। pic.twitter.com/ulVM8qVtLe
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2020
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इसे जमीन पर उतारने के लिए जो भी करना होगा, वो जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपको इसे लागू करने में जो भी मदद चाहिए, मैं आपके साथ हूं। शिक्षा नीति में देश के लक्ष्यों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि भविष्य के लिए पीढ़ी को तैयार किया जा सके। ये नीति नए भारत की नींव रखेगी। पीएम ने कहा कि भारत को ताकतवर बनाने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है।
आज #NewEducationPolicy2020 के तहत उच्चतर शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर आयोजित सम्मेलन में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आशीर्वाद मिला। #NEPTransformingIndia pic.twitter.com/MJH5wMGl8M
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 7, 2020
उन्होंने कहा, “जब किसी संस्थान को मजबूत करने की बात होती है, तो ऑटोनॉमी पर चर्चा होती है। एक वर्ग कहता है कि सबकुछ सरकारी संस्थान से मिलना चाहिए, दूसरा कहता है सब कुछ ऑटोनॉमी के तहत मिलना चाहिए। लेकिन अच्छी क्वालिटी की शिक्षा का रास्ता इसके बीच में से निकलता है, जो संस्थान अच्छा काम करेगा उसे अधिक रिवॉर्ड मिलना चाहिए। शिक्षा नीति के जरिए देश को अच्छे छात्र, नागरिक देने का माध्यम बनना चाहिए।”
यह नीति इक्विटी और समावेश के साथ उच्च-गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा देने के लिए और सिस्टम को फिर से सक्रिय करने के लिए एक बेहतरीन रोडमैप प्रदान करती है।#NEPTransformingIndia
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 7, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके Implement नहीं होगी। इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है।
जिन्होंने अपनी चिंताओं, अपेक्षाओं, सुझावों से न सिर्फ हमें अवगत कराया परन्तु आगे बढ़ने का मार्ग भी प्रशस्त किया। हमारा संकल्प है कि समावेशी और सार्वभौमिक शिक्षा के माध्यम से समाज के अंतिम छोर पर बैठे विद्यार्थी के जीवन में इस नीति द्वारा सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके |
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 7, 2020
इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे, प्रमुख वैज्ञानिक के कस्तुरीरंगन, शिक्षकों और छात्रों ने हिस्सा लिया।