नौसेना के तैयार ओआरएस (Ors) से देश में खत्म होगा ऑक्सीजन संकट
न्यूज़ डेस्क। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश में ऑक्सीजन संकट उत्पन्न हो गया था। यह संकट अनायास नहीं बल्कि इतने दिनों तक पूर्व की सरकारों की उपेक्षा का परिणाम था। लेकिन इस संकट से पार पाने में हर किसी ने अपने-अपने स्तर पर सहयोग किया। ऐसा ही अद्भुत और अनूठा प्रयास भारतीय नौसेना ने किया। भारतीय नौसेना ने देश में उत्पन्न ऑक्सीजन संकट के समाधान के लिए ऑक्सीजन पुनर्चक्र प्रणाली (Ors) तैयार की है।
The system is being progressed for clinical trials.
All components used in the ORS are #Indigenous.
The system's design has been #patented & an application to this effect has been filed by #IndianNavy(2/2).#Unite2FightCorona @makeinindia @COVIDNewsByMIB— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 19, 2021
ऑक्सीजन की कमी दूर करने का प्रयास
ऑक्सीजन पुनर्चक्र पूरा करने का अनोखा काम नौसेना के दक्षिणी कमान के डाइविंग स्कूल ने मौजूदा ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पूरा किया है। यह मौजूदा मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों की क्षमता को दो से चार गुना बढ़ाने के लिए तैयार किया है।
ऑक्सीजन पुनर्चक्र से रोज बचेंगे 3 हजार रुपये
इस तथ्य का इस्तेमाल करते हुए यह जानकारी सामने आई है कि एक रोगी द्वारा नाक से ली गई ऑक्सीजन का केवल एक छोटा सा प्रतिशत फेफड़ों द्वारा खीचा जाता है और बाकी को कार्बन-डाइऑक्साइड के साथ बाहर निकाला जाता है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, नैदानिक परीक्षणों के लिए इस प्रणाली को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसे तेजी से पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन स्वतंत्र रूप से शुरू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि ओआरएस में इस्तेमाल होने वाले सभी घटक स्वदेशी हैं और देश में अच्छे खासे मौजूद हैं। ओआरएस प्रोटोटाइप की कुल लागत 10 हजार रुपये रखी गई है, जबकि ऑक्सीजन के पुनर्चक्र के कारण रोजाना 3 हजार रुपये की बचत सोची गई है।