मोदी राज में भारत के बदले तेवर, NSA डोभाल ने कहा- नया भारत नए तरीके से सोचता है, जहां भी खतरा दिखेगा, वहां प्रहार होगा

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केंद्र सरकार की बागडोर संभालने के बाद जहां भारत की धमक पूरे विश्व में सुनाई दे रही है, वहीं इसके तेवर में काफी बदलाव आया है। आतंरिक और बाहरी सुरक्षा के मामले में मोदी सरकार की नीति स्पष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक मंचों से कई बार कहा है कि हम पहले हमला नहीं करेंगे, अगर किसी ने हम पर हमला करने का दुस्साहस किया, तो उसके घर में घुसकर मारेंगे। दो सर्जिकल स्ट्राइक इसका स्पष्ट प्रमाण है। इसी नीति का उद्घोष विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया।

उत्तराखंड के ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम में संतों की एक सभा को संबोधित करते हुए अजीत डोभाल ने चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल (NSA) ने कहा कि नया भारत नए तरीके से सोचता है और हम भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी लड़ेंगे। हमें जहां भी खतरा दिखेगा, हम वहां प्रहार करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि हम वहीं लड़ेंगे जहां पर आपकी इच्छा है, यह जरूरी तो नहीं। हम वहीं लड़ेंगे जहां से हमारे ऊपर खतरा आ रहा है और हम उस खतरे का मुकाबला वहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने किसी पर भी पहले आक्रमण नहीं किया। इसके बारे में सबके अपने विचार हैं। देश को बचाना आवश्यक होता है।

आधिकारिक सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि डोभाल का संदर्भ सभ्यतागत नीति पर अधिक था। डोभाल ने कहा, ”हम कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए कभी आक्रामक नहीं होते हैं। हम निश्चित तौर पर अपनी जमीन के साथ विदेशी जमीन पर भी लड़ेंगे, लेकिन व्यक्तिगत हितों के लिए नहीं, परमार्थ आध्यात्मिकता के हित में। हमारा सभ्य राज्य किसी भी धर्म, भाषा या संप्रदाय पर आधारित नहीं है, बल्कि इस राष्ट्र का आधार इसकी संस्कृति है।

NSA डोभाल के इस बयान पर सरकार ने स्पष्ट किया कि ये बयान चीन को लेकर नहीं दिया गया, बल्कि ये भारत की आध्यात्मिक सोच पर था। लेकिन बावजूद इसके ये बयान साफ करता है कि भारत युद्ध की धमकी या खतरे से नहीं डरता और युद्ध के लिए हमेशा तैयार है। चीन के साथ बीते करीब 6 महीने से तनातनी चल रही है। समाधान के लिए 7 दौर की बैठक हो चुकी है और आठवें की तैयारियां चल रही है। अजित डोभाल के बयान में भले किसी का नाम नहीं लिया गया हो लेकिन ऐसे माहौल में इतना इशारा काफी है कि निशाने पर कौन है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) डोभाल का यह बयान उसी दिन आया है जब एक तरफ आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने चीनी अतिक्रमण को लेकर बात की तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी सख्त संदेश दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर तनाव को खत्म कर शांति बहाल करना चाहता है लेकिन भारतीय सैनिक देश की भूमि का एक इंच भी किसी को लेने नहीं देंगे। रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सुकना में स्थित भारतीय सेना के 33 कोर के मुख्यालय में दशहरे के मौके पर शस्त्र पूजा के बाद यह टिप्पणी की।

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