नयी शिक्षा नीति पर बोले नायडू, इसका लक्ष्य भारत को दुनिया में ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना है
अगरतला। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि नयी शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को दुनिया में ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना है और इसमें शिक्षा के क्षेत्र में उसे फिर से विश्वगुरू बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में प्राचीन शिक्षा पद्धति में समग्र एवं सर्वांगीण व्यक्तित्व के विकास पर बल दिया जाता था और लोगों को प्रकृति के साथ सामंजस्य रखते हुए जीना एवं सभी के प्रति सम्मान रखने की सीख दी जाती थी। नायडू ने यहां से डिजिटल माध्यम से अगरतला के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 13 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारी शिक्षा व्यावहारिक, पूर्ण और जीवन के प्रति पूरक थी। वास्तव में, शिक्षा को निरंतर शिक्षण प्रक्रिया के रूप में देखा जाता था।’’
Vice President addresses the 13th convocation of National Institute of Technology (NIT), Agartala.@NITAgartalaoffi #NITAgartala pic.twitter.com/OrI82UDZvN
— Vice President of India (@VPSecretariat) November 17, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘ नयी शिक्षा नीति में यही दृष्टिकोण है। उसका लक्ष्य भारत को दुनिया में ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्तिशाली बनाना और उसके लिए पूरी शिक्षा प्रणाली में आयामी परिवर्तन लाना है।’’ उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को भारत को ज्ञान एवं नवोन्मेष के क्षेत्र में फलता-फूलता केंद्र बनाने की अपील करते हुए नायडू ने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान करने, उद्योग एवं अन्य ऐसे संस्थानों के साथ तालमेल कायम करने तथा अपने परिसरों को रचनात्मकता एवं शोध का उत्कृष्ट केंद्र बनाने की सलाह दी। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा युवाओं को बड़े सपने देखने की दी गयी सलाह को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से लक्ष्य निर्धारित करने और उसे हासिल करने के लिए जी-जान से जुट जाने का परामर्श दिया।