श्वेता बाई के जीवन में नई छत, नई उम्मीद

रायपुर ।

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के वनांचल ग्राम बोरतलाव में रहने वाली  श्वेता बाई और उनके परिवार के लिए 27 मई का दिन हमेशा के लिए यादगार बन गया। वर्षों से खपरैल के कच्चे घर में जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए, इस परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें एक दिन पक्का मकान नसीब होगा। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण ने यह सपना साकार कर दिखाया।

  श्वेता और उनके पति  रतन सिंह मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। संसाधनों की कमी के कारण पक्का घर बनवाना उनके लिए सिर्फ एक सपना ही रह गया था। उनका पुराना घर बारिश में टपकता था, दीवारों में सीलन रहती थी और कीड़े-मकोड़ों से परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बरसात के दिनों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाती थी कि किसी एक को घर में ही ठहरना पड़ता था।

लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल गई हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिले नव-निर्मित पक्के मकान में जैसे ही गृह प्रवेश हुआ, परिवार की आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान देखने लायक थी। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में  श्वेता बाई ने घर के दरवाजे पर आम के पत्तों का तोरण, रंग-बिरंगे बैलून और केले के पत्तों से सजावट की। घर को एक मंदिर की तरह सजाया गया, क्योंकि उनके लिए यह घर सिर्फ ईंट-पत्थर की दीवारें नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की प्रतीक है।

 श्वेता ने बताया कि न सिर्फ पक्का मकान, बल्कि शौचालय की सुविधा भी योजना के अंतर्गत मिली है। अब उन्हें और उनके परिवार को स्वच्छता और सुरक्षा दोनों का अहसास हो रहा है। पहले की चिंताओं से अब राहत मिली है, जिससे वे दोनों मजदूरी का काम निश्चिंत होकर कर पा रहे हैं। गृह प्रवेश समारोह के दौरान भावुक होते हुए  श्वेता ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय को हृदय से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह घर सिर्फ चार दीवारें नहीं, हमारे जीवन में नई उम्मीद, सुरक्षा और आत्मसम्मान लेकर आया है। प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ एक आवास निर्माण योजना नहीं है, यह ग्रामीण परिवारों के लिए आत्मनिर्भरता और गरिमापूर्ण जीवन का माध्यम बन रही है।  श्वेता और रतन सिंह जैसे असंख्य परिवारों के लिए यह योजना एक नयी सुबह, एक नया भरोसा लेकर आई है। एक पक्के भविष्य की बुनियाद।

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