पौष पूर्णिमा 2021:पौष पूर्णिमा आज, ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने संगम तट और अन्य घाटों में लगाई आस्था की डुबकी, जानिए महत्व
धर्म डेस्क। आज पौष पूर्णिमा का पावन दिन है, आज के दिन सुबह से श्रद्धालुगण संगम नगरी में डुबकी लगा रहे हैं और भगवान भास्कर को जल चढ़ा रहे हैं, दान और मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि माघ स्नान आज से प्रारंभ हो गया है। मालूम हो कि कड़ाके की ठंड और घना कोहरा भी भक्तों के जोश को कम नहीं कर पाया। आज सुबह से ही ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष के साथ श्रद्धालु संगम तट समेत अन्य घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। गौरतलब है कि माघ मेले में पूर्णिमा के स्नान को शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है किइस दिन जो श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाता है उसके सारे पापों का नाम हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्या करें :
- सभी मनुष्यों के लिए पवित्र नदियों के तट पर जाकर स्नान करना संभव नहीं है, इसलिए अपने घर में ही पवित्र नदियों के स्नान का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
- आप प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पवित्र नदियों का जल (गंगाजल लगभग सभी घरों में होता है) डालकर उससे स्नान करें।
- शुद्ध वस्त्र धारण करके घर के देवी-देवताओं की पूजा करें और यथाशक्ति गरीबों को भोजन करवाएं।
- गायों को हरा चारा खिलाएं। पक्षियों को दाना डालें। इससे आपको पुण्य फलों की प्राप्ति होगी।
- इस दिन शिवार्चन और विष्णुपूजा करना पुण्यदायी होता है।
पूर्णिमा व्रत के लाभ :
- पूर्णिमा का व्रत जीवन के समस्त भोग, ऐश्वर्य, सुख, संपत्ति प्रदान करने में सहायक है।
- भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा से घर-परिवार में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं।
- उत्तम वर की कामना से यह व्रत करने वाली युवतियों की मनोकामना पूरी होती है।
- यह व्रत शीघ्र फल देने वाला है। जिस कामना से किया जाए वह अवश्य पूरी होती है।
- जन्मकुंडली में चंद्र के बुरे प्रभाव इस व्रत से दूर होते हैं।
- चंद्र की पीड़ा दूर करने के लिए इस दिन चंद्र यंत्र भी स्थापित किया जाता है।