#PMCaresFund से बिहार के दो कोविड अस्पतालों को मिली 500 बेड की सुविधा, मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज, कोविड केयर में आएगा सुधार।
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटी हुई है। इसमें मोदी सरकार द्वारा गठित पीएम केयर फंड ट्रस्ट में जमा की गई राशि का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। अब पीएम केयर फंड से ही बिहार में दो कोविड हॉस्पिटल में सुविधाएं जुटाने के लिए धनराशि देने का फैसला किया गया है। पीएमओ की तरफ से किए गए ट्वीट के मुातबिक बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर में 500 बेड के कोविड हॉस्पिटल को फंड देने का निर्णय किया गया है।
PM-CARES Fund Trust has decided to allocate funds for fight against COVID-19 by way of establishment of 500-bed COVID-19 Makeshift Hospitals at Patna & Muzaffarpur, Bihar by DRDO. This will go a long way in improving COVID care in Bihar. pic.twitter.com/AAPEIDDcRc
— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2020
PMO ने ट्वीट कर लिखा है कि पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने पटना और मुजफ्फरपुर में डीआरडीओ द्वारा निर्माणाधीन 500 बेड के कोविड अस्पतालों में फंड देने का फैसला किया है। इससे बिहार में कोविड केयर में सुधार आएगा।
The 500 bed hospital at Bihta, Patna will be inaugurated today and the 500 bed hospital at Muzaffarpur will be inaugurated very soon. pic.twitter.com/BUDD78qkje
— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2020
PMO ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि पटना के बिहटा स्थित 500 बेड के कोविड हॉस्पिटल का उद्घाटन आज किया जाएगा, वहीं मुजफ्फरपुर के 500 बेड के अस्पताल का उद्घाटन बहुत जल्द होगा।
These hospitals have 125 ICU beds with ventilators and 375 normal beds each. Each bed also has oxygen supply. The doctors and paramedical staff will be provided by the Armed Forces Medical Services. pic.twitter.com/FYnISoXae8
— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2020
बिहटा ईएसआई हॉस्पिटल में डीआरडीओ के सहयोग से 500 बेड का कोरोना अस्पताल तैयार हो गया है। अस्पताल में कोरोना वायरस के उपचार से संबंधित तमाम सुविधाएं मरीजों के लिए मुफ्त उपलब्ध कराई गई हैं। इस अस्पताल में मरीज सीधे या फिर रेफर होकर भर्ती हो सकते हैं। कोरोना वायरस के वैसे गंभीर मरीज जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत होगी, वे भी यहां भर्ती हो सकते हैं। पटना में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के अलावा डीआरडीओ के 500 बेड का अस्पताल मरीजों के लिए उपलब्ध होगा।
125 आईसीयू बेड और 375 सामान्य बेड
अस्पताल में 125 गंभीर मरीजों को एक साथ भर्ती और उपचार करने की सुविधा है। उपचार करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर यहां तैनात रहेंगे। यह रक्षा मंत्रालय के सहयोग से चलेगा। यह अस्पताल कोरोना वायरस के संक्रमण खत्म होने तक चलेगा। 500 बेड के हॉस्पिटल में 375 सामान्य बेड लगाए गए हैं, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का उपचार होगा। सामान्य वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज भर्ती किए जाएंगे। गंभीर मरीजों के लिए 125 आईसीयू बेड रखे गए हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन देने की सुविधा है। यहां आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ-साथ मॉनिटर भी लगाए गए हैं ताकि कोरोना के गंभीर मरीजों का उपचार किया जा सके।
पीएम केयर्स फंड के जरिए पिछले महीनों में कोरोना के खिलाफ जंग में राज्यों की काफी मदद की गई है। डालते हैं एक नजर-
पीएम केयर्स फंड से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बने 50 हजार वेंटीलेटर्स
समय समय पर पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल को लेकर तरह-तरह के सवाल किए जा रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन सवालों का जवाब काम करके देने का फैसला किया। मोदी सरकार ने 13 मई, 2020 को 50 हजार वेंटीलेटर खरीदने और प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम केयर्स फंड से 3100 करोड़ रुपये जारी कर आलोचकों को करारा जवाब दिया। सीडीडीईटी की रिपोर्ट में इस बात का पता चला है कि पीएम केयर्स फंड का पैसा कहां-कहां खर्च हुआ और इसे देश में कोरोना की लड़ाई के लिए किन संसाधनों में लगाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम केयर्स फंड से देश में 50 हजार वेंटिलेटर्स तैयार किए जा रहे हैं।
PM-CARES Fund Trust Allocates Rs. 3100 Crore for Fight against COVID-19. https://t.co/jMaY8ZTE7F
via NaMo App pic.twitter.com/fwlgJYVeRO
— PMO India (@PMOIndia) May 13, 2020
‘मेड इन इंडिया’ के तहत वेंटीलेटर्स का निर्माण
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों में ‘मेड इन इंडिया’ के तहत तैयार इन वेंटीलेटर्स के लिए पीएम केयर्स फंड से 2000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आइए देखते हैं मेक इन इंडिया के तहत कुल 50 हजार वेंटीलेटर्स का निर्माण किन-किन कंपनियों द्वारा किया जा रहा है-
50 हजार वेंटीलेटर्स का निर्माण
वेंटीलेटर्स निर्माता कंपनी | वेंटीलेटर्स की संख्या |
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड | 30,000 |
अग्वा हेल्थकेयर | 10,000 |
एएमटीजेड बेसिक | 5,650 |
एएमटिजेड हाई एंड | 4,000 |
एलायड मेडिकल | 350 |
अब तक 2923 वेंटीलेटर्स का निर्माण किया गया है, जिनमें से 1340 वेंटीलेटर्स राज्यों और केंद्रीय प्रदेशों में भेजे जा चुके हैं। जून के आखिर तक सभी राज्यों में 14000 अतिरिक्त वेंटीलेटर्स की सप्लाई करने का लक्ष्य तय किया गया है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर राज्यों को वेंटीलेटर्स की सप्लाई की जा रही है।
प्रमुख राज्यों को वेंटीलेटर्स की सप्लाई
राज्य | वेंटीलेटर्स की संख्या |
महाराष्ट्र | 275 |
दिल्ली | 275 |
गुजरात | 175 |
बिहार | 100 |
कर्नाटक | 90 |
राजस्थान | 75 |
प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए 1000 करोड़ रुपये
वहीं, प्रवासी मजदूरों के कल्याण से जुड़े प्रोजेक्ट में 1000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। राज्यों को एक फॉर्मूले के तहत यह फंड दिया गया। इसमें सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को 2011 की जनसंख्या के लिए 50 प्रतिशत भार, पॉजिटिव कोविड-19 मामलों की संख्या के लिए 40 प्रतिशत भार और सभी को समान रूप से 10 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर कोष का वितरण किया गया है। दस प्रतिशत हिस्सा हर राज्य को दिया गया है, ताकि वहां न्यूनतम व्यवस्था रहे। इस फंड का उपयोग प्रवासी मजदूरों के आवास, भोजन, इलाज और परिवहन की व्यवस्था के लिए किया गया है।
राज्यों में फंड का आवंटन
राज्य | रकम (रुपये में) |
महाराष्ट्र | 181 करोड़ |
उत्तर प्रदेश | 103 करोड़ |
तमिलनाडु | 83 करोड़ |
गुजरात | 66 करोड़ |
दिल्ली | 55 करोड़ |
पश्चिम बंगाल | 53 करोड़ |
बिहार | 51 करोड़ |
मध्य प्रदेश | 50 करोड़ |
राजस्थान | 50 करोड़ |
कर्नाटक | 34 करोड़ |