गन्ना किसानों के लिए 3,500 करोड़ रुपए की सहायता राशि मंजूर, 5 करोड़ गन्ना किसानों को तोहफा, PM मोदी ने ट्वीट कर बताया विशेष खुशी का दिन

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 6 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के बीच बुधवार को मोदी सरकार ने किसानों के हित में एक और अहम फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया कि 60 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात से होने वाली कमाई और उसकी सब्सिडी को सीधे 5 करोड़ किसानों के खाते में जमा किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गन्‍ना किसानों को 3,500 करोड़ रुपये की सहायता देने की मंजूरी दे दी।

इस समय देश में करीब पांच करोड़ गन्‍ना किसान और उनके परिवार हैं। इनके अलावा, चीनी मिलों में और उसकी सहायक गतिविधियों में काम करने वाले करीब पांच लाख कामगार हैं और इन सभी की आजीविका चीनी उद्योग पर निर्भर है। किसान अपना गन्‍ना चीनी मिलों को बेचते हैं, लेकिन चीनी मिल मालिकों से उन्‍हें उनका भुगतान नहीं मिलता क्‍योंकि उनके पास चीनी का अतिरिक्‍त स्‍टॉक होता है।

इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार चीनी के अतिरिक्‍त स्‍टॉक को शून्‍य पर लाने के प्रयास कर रही है। इससे गन्‍ना किसानों के बकाये का भुगतान करने में सहूलियत होगी। सरकार इस उद्देश्‍य के लिए 3,500 करोड़ रुपये व्‍यय करेगी और इस सहायता की राशि को चीनी मिलों की ओर से बकाये के भुगतान के तौर पर सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा। शेष राशि, यदि बचेगी तो, उसे चीनी मिलों के खाते में जमा कर दिया जाएगा।

इस सब्सिडी का मकसद चीनी मिलों द्वारा चीनी सत्र 2020-21 के दौरान अधिकतम स्‍वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्‍यू) के तहत 60 लाख मीट्रिक टन की मात्रा तक चीनी का निर्यात करने पर उसके प्रबंधन, सुधार और अन्‍य प्रसंस्‍करण लागत और अंतर्राष्‍ट्रीय तथा घरेलू परिवहन एवं माल भाड़ा शुल्‍क समेत उस पर आने वाली कुल बाजार कीमत को पूरा करना है। इस निर्णय से पांच करोड़ गन्‍ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्‍य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।

मोदी सरकार में किसानों की आय होगी दोगुनी, आत्मनिर्भर कृषि और किसान का सपना होगा साकार
स्वामीनाथन आयोग की जिन सिफारिशों को कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था, मोदी सरकार ने उसकी सिफारिशों को स्वीकार किया। उत्‍पादन लागत का न्‍यूनतम 1.5 गुना एमएसपी निर्धारित करने की घोषणा की। इसके बाद एमएसपी में लगातार वृद्धि करते हुए मोदी सरकार ने इसे आगे जारी रखने का संकल्प भी व्यक्त किया है। आइए देखते हैं मोदी सरकार किस तरह किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रही है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.