अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है: पीएम मोदी
न्यूज़ डेस्क। अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हंडिया-राजा तालाब खंड के छह—लेन चौड़ीकरण कार्य का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने कहा, काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिल रहा है। इसका लाभ काशी के साथ प्रयागराज के लोगों को भी होगा। आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
देव दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी में वाराणसी-प्रयागराज सिक्स लेन हाईवे चौड़ीकरण परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देव दीपावली भी और गुरुनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर आज काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिला है। उन्होंने कहा कि इस 6 लेन के राजमार्ग का लाभ काशी के साथ ही प्रयागराज के लोगों को भी होगा। जो लोग पहले हंडिया से राजातालाब आते-जाते थे, उन्हें पता है कि इस हाईवे पर कितनी ज्यादा मुश्किलें आती थीं। जगह-जगह जाम, बहुत धीमे ट्रैफिक, दिल्ली और दूसरे शहरों से भी जो लोग इधर आते थे, वो इस रास्ते पर आकर परेशान हो जाते थे। श्री मोदी ने कहा कि 70 किलोमीटर से ज्यादा का वो सफर अब आराम से होगा, तेज रफ्तार में होगा। इस हाईवे के चौड़ा होने से काशी और प्रयाग के बीच आना जाना अब और आसान हो गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि नए हाईवे बनाना हो, पुल-फ्लाईओवर बनाना हो, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए रास्तों को चौड़ा करना हो, जितना काम बनारस और आसपास के इलाके में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बनारस का सेवक होने के नाते मेरा प्रयास यही है कि बनारस के लोगों की दिक्कतें कम हों, उनका जीवन और आसान बने। पिछले 6 वर्षों में बनारस में हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे किए गए हैं और बहुत सारी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क आज बनारस में विकास कार्यों की पहचान बन गई है। रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है।
बीते वर्षों में काशी के सुंदरीकरण के साथ-साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ है, उसका लाभ अब आप सभी देख रहे हैं।
नए हाईवे हो, पुल-फ्लाईओवर हो, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए रास्तों को चौड़ा करना हो, जितना काम बनारस और आसपास में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ: PM
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एमएसपी से लेकर कृषि कानून तक पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत मंडियां और एमएसपी नहीं हटाए जा रहे हैं। अगर कोई पुराने सिस्टम से लेन-देन को उचित समझता है तो नए कृषि कानून में कोई रोक नहीं लगाई है। नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
सरकार के प्रयासों औऱ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल-ब्लैक राइस है।
ये चावल चंदौली के किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है: PM
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘आपको याद रखना है कि यही लोग पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर सवाल उठाते थे। ये लोग अफवाह फैलाते थे कि मोदी ने एक बार पैसा दिया है। दोबारा नहीं देगा। वहीं, एक राज्य ने तो किसान सम्मान योजना को लागू ही नहीं होने दिया। इसके अलावा कर्जमाफी के नाम पर भी किसानों को धोखा दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि अब छल नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है।
लेकिन पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है।
पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था।
लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है: PM
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प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था, लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है।
आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है।
जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं, तो ये दूसरे विषय पर झूठ फैलाने लगते हैं: PM
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उन्होंने कहा, “अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है, लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है। जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। कृषि सुधारों के मामले में भी यही हो रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामलों में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है यह वही लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।
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