मन की बात में बोले PM मोदी – कृषि सुधारों से किसानों की परेशानी दूर होगी, नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नए कृषि कानून पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुये हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।
Discussing a wide range of topics during #MannKiBaat. https://t.co/cWsL7Z3a9w
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2020
पीएम मोदी ने इस दौरान महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेन्द्र भोइजी के नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल कैसे किया। इसकी जानकारी देशवासियों को दी। उन्होंने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है। इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम (SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। अब जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।
काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया।
इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं।
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उन्होंने कहा कि किसानों में जागरूकता बढ़ाने का ऐसा ही एक काम कर रहे हैं, राजस्थान के बारां जिले में रहने वाले मोहम्मद असलम जी। ये एक किसान उत्पादक संघ के सीईओ भी हैं। जी हां, आपने सही सुना, किसान उत्पादक संघ के सीईओ। उन्होंने कहा कि उम्मीद है बड़ी बड़ी कम्पनियों के CEOs को ये सुनकर अच्छा लगेगा कि अब देश के दूर दराज वाले इलाको में काम कर रहे किसान संगठनों मे भी CEOs होने लगे हैं। मोहम्मद असलम जी ने अपने क्षेत्र के अनेकों किसानों को मिलाकर एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिया है। इस ग्रुप पर वो हर रोज़, आस-पास की मंडियो में क्या भाव चल रहा है, इसकी जानकारी किसानों को देते हैं। उन्होंने कहा कि खुद उनका एफपीओ भी किसानों से फ़सल खरीदता है, इसलिए, उनके इस प्रयास से किसानों को निर्णय लेने में मदद मिलती है।
माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है।
अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है।
माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं।
– पीएम @narendramodi #MannKiBaat pic.twitter.com/qFRG2FBPWC
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पीएम मोदी ने कहा कि देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा भारत वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही, हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतर्राष्ट्रीय गिरोंहों का शिकार होती रही हैं। ये गिरोह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन्हें, बहुत ऊंची कीमत पर बेचते हैं। अब, इन पर, सख्ती तो लगायी ही जा रही है, इनकी वापसी के लिए, भारत ने अपने प्रयास भी बढ़ायें हैं। मैं कनाडा की सरकार और इस पुण्य कार्य को सम्भव बनाने वाले सभी लोगों का इस सहृदयता के लिये आभार प्रकट करता हूं। माता अन्नपूर्णा का, काशी से, बहुत ही विशेष संबंध है | अब, उनकी प्रतिमा का, वापस आना, हम सभी के लिए सुखद है।
Today’s #MannKiBaat included an assortment of topics from the world of nature and culture.
This includes a Murti of Maa Annapurna returning from Canada, efforts of the National Museum to promote culture, the scenic sights of Shillong and further popularising bird watching. pic.twitter.com/rvise77flK
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, कल 30 नवंबर को, हम, श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है – “सेवक को सेवा बन आई”, यानी, सेवक का काम, सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आये और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला। गुरु साहिब ने हमसे सेवा ली।”
कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे।
पूरी दिनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
Vancouver से Wellington तक, Singapore से South Africa तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं।#MannKiBaat pic.twitter.com/DEyyGnM9QB
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भी, बहुत-सी बर्ड वॉचिंग सोसाइटी सक्रिय हैं। आप भी, जरूर, इस विषय के साथ जुड़िए। मेरी भागदौड़ की ज़िन्दगी में, मुझे भी, पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला। पक्षियों के साथ बिताया हुआ समय, आपको, प्रकृति से भी जोड़ेगा, और, पर्यावरण के लिए भी प्रेरणा देगा। मेरे प्यारे देशवासियो, भारत की संस्कृति और शास्त्र हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं।
दोस्तों, आप तब तक ही किसी संस्थान में विद्यार्थी होते हैं, जब तक आप वहां पढ़ाई करते हैं, लेकिन वहां के Alumni आप जीवन भर बने रहते हैं।
स्कूल-कॉलेज से निकलने के बाद दो चीजें कभी खत्म नहीं होती हैं- एक आपकी शिक्षा का प्रभाव और दूसरा आपका अपने स्कूल, कॉलेज से लगाव।#MannKiBaat pic.twitter.com/Iua04rsviY
— BJP (@BJP4India) November 29, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए तो कई लोग वापस अपने देश जाकर, इस संस्कृति के संवाहक बन गए। मुझे “Jonas Masetti” के काम के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें, ‘विश्वनाथ’ के नाम से भी जाना जाता है। जॉनस ब्राजील में लोगों को वेदांत और गीता सिखाते हैं। वे विश्वविद्या नाम की एक संस्था चलाते हैं, जो रियो डि जेनेरो से घंटें भर की दूरी पर पेट्रोपोलिस के पहाड़ों में स्थित है।
Meet Jonas Masetti, who lives in Brazil but is passionate about Vedanta and the Gita.
His passion towards our culture an ethos is admirable! #MannKiBaat pic.twitter.com/gKlFHKoc2Z
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2020