JNU कैंपस में विवेकानंद की मूर्ति का पीएम मोदी ने किया अनावरण, कहा- हमारी विचारधारा राष्ट्रहित में, राष्ट्र के साथ नजर आनी चाहिए, राष्ट्र के खिलाफ नहीं।”
न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक कार्यक्रम में भाग लिया। पीएम ने जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और वरिष्ठ संकाय सदस्यों की उपस्थिति में किया। अपने निजी हैंडल से एक ट्वीट में, पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा, “आज शाम 6:30 बजे, जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे और इस अवसर पर अपने विचार साझा करेंगे। कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। मैं आज शाम कार्यक्रम का इंतजार कर रहा हूं।”
Matter of immense pride that a Swami Vivekananda statue is being unveiled in JNU. https://t.co/OvXTVpPWMe
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2020
पीएम मोदी ने कहा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों के साथ आपातकाल के अपने अनुभव को साझा करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि एक सामान्य, अधिक से अधिक कारणों से लड़ने के लिए अपनी विचारधारा का बलिदान करने की आवश्यकता नहीं है। “जब लोग महात्मा गांधी से जुड़े, तो उन्होंने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी। मैंने आपातकाल के दिन देखे हैं। विभिन्न राजनीतिक मान्यताओं के बहुत सारे लोग थे – कांग्रेस से, आरएसएस से। लेकिन हम सभी राष्ट्रहित के एक सामान्य कारण से एकजुट थे।
स्वामी विवेकानंद जी कहते थे- “मूर्ति में आस्था का रहस्य यह है कि आप उस एक चीज से ‘Vision of Divinity’ डेवलप करते हैं।”
मेरी कामना है कि JNU में लगी स्वामी जी की प्रतिमा सभी को प्रेरित करे और ऊर्जा से भरे।
यह प्रतिमा वो साहस दे, जिसे स्वामी जी हर व्यक्ति में देखना चाहते थे। pic.twitter.com/HwXL9Q7M93
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2020
जेएनयूएसयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ) ने परिसर के उत्तरी गेट पर शाम 5 बजे से विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। जेएनयूएसयू ने विरोध सभा के लिए कॉल जारी करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य “शिक्षा विरोधी और छात्र विरोधी मोदी सरकार” के खिलाफ आवाज उठाना है।
देश के युवा दुनियाभर में Brand India के Brand Ambassadors हैं।
हमारे युवा भारत के Culture और Traditions का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए उनसे अपेक्षा हजारों वर्षों से चली आ रही भारत की पहचान पर सिर्फ गर्व करने की नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में देश की नई पहचान गढ़ने की भी है। pic.twitter.com/9MpajwBSfs
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2020
2015 में, JNU प्रशासन ने परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के निर्माण के लिए अपनी सहमति दी थी। इस संबंध में एक प्रस्ताव जेएनयू प्रशासन को एक विपुल पटेल ने भेजा था, जो अमेरिका में रहता है। पटेल ने इसी तरह का एक प्रस्ताव गुजरात सरकार को भी भेजा था, जिसे स्वीकार करने के बाद, वह वर्तमान में रामकृष्ण मिशन के संस्थापक की प्रतिमा पर काम कर रहा है।
आज सिस्टम में जितने रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं, उनके पीछे भारत को हर प्रकार से बेहतर बनाने का संकल्प है।
आज हो रहे रिफॉर्म्स के साथ नीयत और निष्ठा पवित्र है।
आज रिफॉर्म्स से पहले एक सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है। इस कवच का सबसे बड़ा आधार है- विश्वास। pic.twitter.com/vD6W59cZwA— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2020
जेएनयू कैंपस में स्वामी विवेकानंद की इस प्रतिमा को पूरा करने में सात महीने के लिए प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमावत को लगा। भारत के पहले प्रधानमंत्री की एक प्रतिमा से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा जवाहरलाल नेहरू की तुलना में लगभग तीन फीट ऊंची है।
नई National Education Policy की Core Values हैं- Confidence, Conviction और Character से भरे युवा भारत का निर्माण करना।
यही स्वामी जी का भी विजन था। वे चाहते थे कि भारत में शिक्षा ऐसी हो, जो आत्मविश्वास दे और हर प्रकार से आत्मनिर्भर बनाए। pic.twitter.com/RxwYwIJoLE
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2020