प्रधानमंत्री मोदी ने रखी नये संसद भवन की आधारशिला, कहा- 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा भवन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये संसद भवन के शिलान्यास को ‘‘ऐतिहासिक’’ और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में ‘‘मील का पत्थर’’ बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा। नये संसद भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नये संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है। मोदी ने कहा, ‘‘पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि आज जैसे इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा।
Speaking at the Foundation Stone Laying of the New Parliament. https://t.co/Gh3EYXlUap
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है और आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।’’ नये संसद भवन के शिलान्यास को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओतप्रोत भारत के संसद भवन के निर्माण का प्रारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ाव में से एक है। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। …और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पर्व मनाएगा, उस पर्व के साथ-साथ प्रेरणा हमारे संसद की नई इमारत बने।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का दिन है जब सभी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बन रहे हैं।
हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे।
और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि
जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए,
तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने: PM#NewParliament4NewIndia
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
उन्होंने कहा कि नये संसद भवन का निर्माण नूतन और पुरातन के सहअस्तित्व का उदाहरण है और यह समय तथा जरूरतों के अनुरूप खुद में परिवर्तन लाने का प्रयास है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उस दिन को भी याद किया जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर वह संसद भवन पहुंचे थे और उस वक्त उन्होंने लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले माथा टेक कर नमन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढ़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली संसद भी यहीं बैठी। इसी संसद भवन में हमारे संविधान की रचना हुई है। बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सेंट्रल हॉल में गहन मंथन के बाद हमें अपना संविधान दिया। संसद की मौजूदा इमारत स्वतंत्र भारत के हर उतार-चढ़ाव, हमारी हर चुनौतियों और समाधान, हमारी आशा और आकांक्षाओं और हमारी सफलता का प्रतीक रही है।