#PMFBY : आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ उठाएं किसान : केंद्र
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ उठाने की अपील की है। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के कार्यान्वयन के पांच साल पूरे होन पर मंगलवार को सरकार ने देश के किसानों से आग्रह किया कि वे संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना का लाभ उठाएं और एक आत्मनिर्भर किसान तैयार करने का समर्थन करें। भारत सरकार ने पांच साल पहले, 13 जनवरी 2016 को, देश के किसानों के लिए फसलों के जोखिम कवरेज को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पीएमएफबीवाई को मंजूरी दी। देशभर में किसानों को सबसे कम समान प्रीमियम पर एक व्यापक जोखिम समाधान प्रदान करने के लिए एक उल्लेखनीय पहल के रूप में इस योजना की परिकल्पना की गई थी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
अप्रत्याशित फसल नुकसान के मुश्किल समय में किसानों को मदद प्रदान कर रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।
योजना के अंतर्गत 33% और उससे अधिक फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को राहत प्रदान की जाती है जो पहले 50% नुकसान की स्थिति में दी जाती थी।#FasalBima4SafalKisan pic.twitter.com/zhE8YhBM5F
— BJP (@BJP4India) January 13, 2021
बयान के अनुसार, इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं। अब तक, योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है। आधार सीडिंग ने किसान के खातों में सीधे दावा निपटान में तेजी लाने में मदद की है। कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को लाभ हुआ और 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को हस्तांतरित किए गए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – किसानों की आजीविका की रक्षा करता है और टिकाऊ खेती सुनिश्चित करता है…
योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष की तुलना में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों को कवर किया गया है…#FasalBima4SafalKisan pic.twitter.com/QucKjBD3xv
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 13, 2021
किसान के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत प्रीमियम सहायता साझा की है।
PMFBY के तहत औसत बीमित राशि बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दी गई है जो पीएमएफबीवाई से पूर्व की योजनाओं के दौरान प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी।
इस तरह के प्रबंधों के कुछ उल्लेखनीय उदाहरणों में खरीफ 2019 के सूखे के दौरान आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 500 करोड़ रुपये से अधिक बुवाई के दावों को रोकना, खरीफ 2018 के दौरान ओला वृष्टि के कारण हरियाणा में 100 करोड़ रुपये से अधिक के स्थानीयकृत आपदा दावे, राजस्थान में रबी 2019-20 में टिड्डियों के हमले के दौरान लगभग 30 करोड़ रुपये के मौसम के बीच में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण होने वाले नुकसान के दावे और खरीफ 2019 की बेमौसम वर्षा के दौरान महाराष्ट्र में 5,000 करोड़ रुपये का दावा शामिल है।
अप्रत्याशित फसल नुकसान से किसानों की सुरक्षा कर रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र से जुड़ी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के खिलाफ किसानों को सुरक्षा चक्र प्रदान करती है।#FasalBima4SafalKisan pic.twitter.com/gUMnq6VRKe
— BJP (@BJP4India) January 13, 2021
योजना की कुछ प्रमुख विशेषताओं में किसानों का आसानी से नाम लिखने के लिए PMFBY पोर्टल, फसल बीमा मोबाइल ऐप को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ना, फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी, रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी, ड्रोन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निग जैसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शामिल है। यह योजना फसल बीमा ऐप, सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से किसी भी घटना के होने के 72 घंटों के भीतर किसान के लिए फसल नुकसान की रिपोर्ट करना आसान बनाती है।
लगातार सुधार लाने के प्रयास के रूप में, इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था, फरवरी 2020 में इसमें सुधार किया गया। राज्यों को बीमा राशि को तर्कसंगत बनाने के लिए लचीलापन भी प्रदान किया गया है ताकि किसानों द्वारा पर्याप्त लाभ उठाया जा सके।