रद्द हुए तीनों कृषि कानून, विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने सोमवार को तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया। लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है और कानूनी तौर पर तीनों कृषि कानून अब समाप्त हो चुके हैं। बुधवार शाम को इस संदर्भ में सरकार की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

अब नए अधिनियम को कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021 कहा जाएगा।सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि, इन तीनों कृषि कानूनों के नाम ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता’; ‘कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्द्धन एवं सरलीकरण) विधेयक, 2020’ और ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020’ को निरस्त कर दिया गया है।

कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने को लेकर एक साल से अधिक समय से किसान आंदोलित हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सोमवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 लोकसभा में पेश किया था।

इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी, हालांकि अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के फार्म लॉ रिपील बिल 2021 को मंजूरी दे दी थी। सोमवार को ही राज्यसभा ने भी बिना चर्चा के कृषि कानून वापसी बिल को मंजूरी दे दी थी।

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