राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोहड़ी, मकर संक्रांति पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं, कहा- देश के विकास में किसानों का अहम योगदान
नई दिल्ली। आज ‘लोहड़ी’ का पर्व पूरे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, इस खास पर्व पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने इसके साथ ही ‘मकर संक्रांति’, ‘पोंगल’, ‘भोगली बिहु’, ‘उत्तरायण’ और ‘पौष पर्व’ के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि ये सारे पर्व किसानों के अथक परिश्रम और उद्यम को सम्मान देने वाले हैं, त्योहार तो एक ही है लेकिन इसके रूप अलग-अलग है। किसानों का देश के विकास में अहम योगदान है, किसानो की मेहनत की वजह से हम सभी ये पर्व मना पा रहे हैं।
ने इन त्योहारों के माध्यम से लोगों में परस्पर शांति और एकता की भावना और मजबूत होने और देश में समृद्धि -खुशहाली बढ़ने की कामना करते हुए महामहिम ने कहा कि सभी भारतवासी खुश और स्वस्थ रहें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है। मालूम हो कि जहां उत्तर भारत के लोग कल ‘मकर संक्रान्ति’ मनाएंगे तो वहीं दक्षिण भारत ‘पोंगल’ की तैयारी में जुटा है तो वहीं आज पंजाब में लोग ‘लोहड़ी’ मना रहे हैं।
लोहड़ी, मकर संक्रान्ति, पोंगल, भोगाली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मेरी कामना है कि इन त्योहारों के माध्यम से हमारे समाज में प्रेम, स्नेह और सौहार्द का बंधन मजबूत हो तथा देश में समृद्धि और खुशहाली बढ़े।
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 13, 2021
ये तीनों ही फसलों के त्योहार कहे जाते हैं। उत्तर भारत में ‘मकर संक्रान्ति’ मनायी जाती है जिसका महत्व सूर्य के मकर रेखा की तरफ़ प्रस्थान करने को लेकर है जबकि दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में ‘पोंगल’ के जरिये सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का स्वागत किया जाता है मतलब कि भाव एक ही है। तमिलनाडु में सूर्य को अन्न-धन का भगवान मान कर चार दिनों तक उत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार का नाम ‘पोंगल’ इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह ‘पोंगल’कहलता है। तमिल भाषा में ‘पोंगल’ का एक अन्य अर्थ निकलता है अच्छी तरह उबालना। तमिल लोग इसे अपना ‘न्यू ईयर’ मानते हैं।
कुल मिलाकर यह त्योहार कृषि एवं फसल से संबधित देवताओं को समर्पित है तो ‘लोहड़ी’ में भी यही होता है। इस दिन फसल काटती है और इसलिए किसान आग के चारों ओर घूमकर और नाच-गाकर खुशी मनाते हैं।
Greetings and best wishes to fellow citizens on the occasion of Lohri, Makar Sankranti, Pongal, Bhogali Bihu, Uttarayan and Paush parva. May these festivals strengthen the bond of love, affection and harmony in our society and increase prosperity and happiness in the country.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 13, 2021
तो वहीं असम में माघ ‘बिहू उत्सव’ मनाया जा रहा है। यह त्योहार भी मकर संक्राति की तरह ही है। ‘बिहू’ शब्द ‘दिमासा’ लोगों की भाषा से है। ‘बि’ मतलब ‘पूछना’ और ‘हु’ मतलब देना होता है। यह पर्व भी यह फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है। इस पर्व का पूरा नाम ‘भोगाली बिहू’ है, इसे ‘भोगाली’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें भोग का महत्व है।