राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 पर PM मोदी ने निर्वाचन आयोग का जताया आभार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोगों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्र चुनाव प्रक्रिया को अधिक जीवंत तथा सहभागी बनाने की कोशिशों के लिए निर्वाचन आयोग का आभार व्यक्त करता है।
पिछले 10 साल से निर्वाचन आयोग 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मना रहा है। भारत के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी।
हिमाचल प्रदेश के सभी निवासियों को 50वें पूर्ण राज्यत्व दिवस की बहुत-बहुत बधाई। अपने गौरवशाली इतिहास, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध यह राज्य विकास के नित नए मानदंड स्थापित करे और देश की समृद्धि में अपना बहुमूल्य योगदान यूं ही देता रहे।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2020
प्रधानमंत्री ने टि्वटर पर कहा, ”हम अपनी चुनाव प्रक्रिया को अधिक जीवंत तथा सहभागी बनाने की ओर कई प्रयासों के लिए भारत के निर्वाचन आयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने उम्मीद की कि यह दिन लोगों को मतदाता जागरूकता तथा मतदान बढ़ाने की ओर काम करने के लिए प्रेरित करेगा जो लोकतंत्र को मजबूत बनाता है।
इस मौके पर उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देशवासियों से मतदान को पुनीत कर्तव्य मानते हुए देशहित में मतदान अवश्य करने की अपील की। नायडू ने ट्वीट कर कहा, “आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देश के सभी मतदाताओं से आग्रह करता हूं कि वे मताधिकार को पुनीत कर्तव्य मानते हुए, राष्ट्र और समाज के हित में उसका प्रयोग करें।”
Greetings on National Voters Day.
We express gratitude to ECI for their many efforts towards making our electoral process more vibrant and participative.
May this day inspire us to work towards increased voter awareness and turnout, which makes our democracy stronger
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2020
जागरुक और सजग मतदाताओं को लोकतंत्र की बुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव लोकतंत्र का उत्सव मात्र नहीं बल्कि देश की प्रगति के लिए यज्ञ है। अपने मत से उसकी पवित्रता अक्षुण्ण रखें। कल (रविवार) राष्ट्र अपना गणतंत्र दिवस मनायेगा। जागरुक मतदाता हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव हैं।” उपराष्ट्रपति ने मतदान को धर्म और जाति के बजाय उम्मीदवार की योग्यता से निर्धारित करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “मतदान करते समय जाति, धर्म, क्षेत्रीयता की संकीर्णता से ऊपर उठ कर उम्मीदवार के चरित्र, आचरण, विचारों, क्षमता और राष्ट्रनिष्ठा का विचार अवश्य करें। धनबल, आपराधिकता से मुक्त चुनाव प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करें।”