UN का मूल लक्ष्य अभी भी अधूरा.. कुछ देश समिट में बेवजह ले आते हैं द्विपक्षीय मुद्दे: प्रधानमंत्री मोदी

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वर्चुअल बैठक को संबोधित किया। PM मोदी ने कहा कि SCO क्षेत्र से भारत का घनिष्ठ, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहा है। हमारे पूर्वजों ने इस साझा विरासत को अपने अथक और निरंतर संपर्कों से जीवंत रखा। उन्होंने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है। भारत ने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के विरोध में आवाज उठाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभूतपूर्व कोरोना महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा।

PM मोदी ने चीन और पाकिस्तान को पूरे समिट में नजरअंदाज किया और उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि SCO एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं, जो कि SCO चार्टर और शंघाई स्प्रिट का उल्लंघन करते हैं। इस तरह के प्रयास एससीओ को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं दरअसल, उनका इशारा पाकिस्‍तान की तरफ था, जो अक्सर SCO में कश्‍मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश कर चुका है।

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 साल पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए।

इस वर्चुअल बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रह।. शंघाई सहयोग संगठन की वर्चुअल समिट की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की।

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