#SeditionLaw : नहीं किया जा सकता निरस्त, देशद्रोह कानून, यदि आवश्यक हो तो संशोधन की गुंजाइश; आयोग ने सरकार को बताई वजह, बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ी जंग

न्यूज़ डेस्क। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बीते वर्ष मई के महीने में देशद्रोह कानून को स्थगित कर दिया गया था। अब लॉ कमीशन ने इस कानून को लेकर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद देश के कानून मंत्री की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई और उन्होंने रिपोर्ट का स्वागत भी किया है। वहीं देशद्रोह कानून को लेकर लॉ कमीशन की रिपोर्ट को वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बेहद दुखद और विश्वासघाती बताया है। ऐसे में आइए इस रिपोर्ट के जरिए समझते हैं कि आखिर देशद्रोह कानून को लेकर लॉ कमीशन की रिपोर्ट में ऐसा क्या है, इस पर केंद्र सरकार का क्या है कहना और कांग्रेस को आपत्ति किस बात से है?

लॉ कमीशन की तरफ से देशद्रोह कानून पर 1 जून को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी गई। इसमें कमीशन ने कहा कि का मानना है कि राजद्रोह से निपटने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को बरकरार रखने की आवश्यकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल के संबंध में अधिक स्पष्टता लाने के लिए कुछ संशोधन किए जा सकते हैं। सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आयोग ने कहा कि धारा 124ए के दुरुपयोग संबंधी विचार पर गौर करते हुए वह यह सिफारिश करता है कि केंद्र द्वारा दुरुपयोगों पर लगाम लगाते हुए आदर्श दिशानिर्देश जारी किया जाए। 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी (सेवानिवृत्त) ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे पत्र में कहा कि इस संदर्भ में वैकल्पिक रूप से यह भी सुझाव दिया जाता है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 196 (3) के अनुरूप एक प्रावधान शामिल किया जा सकता है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत किसी अपराध के संबंध में प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले अपेक्षित प्रक्रियात्मक सुरक्षा प्रदान करेगा।

देशद्रोह कानून पर विधि आयोग की रिपोर्ट को लेकर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई। उन्होंने 2 जून को ट्वीट कर कहा कि राजद्रोह पर विधि आयोग की रिपोर्ट व्यापक परामर्श प्रक्रिया के चरणों में से एक है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशें प्रेरक हैं और बाध्यकारी नहीं हैं। अंतत: सभी हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। अब जबकि हमें रिपोर्ट मिल गई है, हम अन्य सभी हितधारकों के साथ भी विचार-विमर्श करेंगे ताकि हम जनहित में एक सूचित और तर्कपूर्ण निर्णय ले सकें।

कांग्रेस की तरफ से लॉ कमीशन द्वारा राजद्रोह के अपराध संबंधी दंडात्मक प्रावधान का समर्थन किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर इस कानून को पहले से अधिक खतरनाक बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि यह संदेश दिया गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं के खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग किया जाएगा। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि चुनाव नजदीक देखकर विपक्ष को और प्रताड़ित किया जाएगा। कोई भी ऐसा सुरक्षा चक्र नहीं दिया गया है जिससे इसके दुरुपयोग को रोका जा सके।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.