चीन के साथ तनाव के बीच ट्रंप का मोदी को कॉल, दिया भारत को G-7 में शामिल होने का न्योता, भारत ने प्रस्ताव स्वीकारा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मंगलवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत में चीन के प्रति एक सामूहिक दृष्टिकोण पर चर्चा के लिए विस्तारित G-7 का हिस्सा बनने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। G-7 दुनिया के सर्वाधिक ताकतवर राष्ट्रों का एक समूह है।
ट्रंप ने सप्ताह के प्रारंभ में G-7 की बैठक सितंबर तक स्थगित करने और चीन के भविष्य के साथ निपटने की एक योजना पर चर्चा के लिए भारत, रूस, आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने का निर्णय लिया। कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद से अमेरिका और चीन के बीच खुला गतिरोध चल रहा है। यह वायरस वुहान में पैदा हुआ था।
दोनों नेताओं के बीच यह फोन वार्ता भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तकरार के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यद्यपि ट्रंप ने दोनों एशियाई ताकतों के बीच हिंसक गतिरोध को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन न तो भारत ने इसपर कोई प्रतिक्रिया दी और न चीन ने ही।
भारत और चीन दोनों इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कूटनीतिक चैनलों का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं। पिछले सप्ताह हालांकि ट्रंप ने कहा था कि मोदी मौजूदा सीमा विवाद को लेकर शी जिनपिंग के प्रशासन से प्रसन्न नहीं हैं। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि मोदी की ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत हुई है।
Had a warm and productive conversation with my friend President @realDonaldTrump. We discussed his plans for the US Presidency of G-7, the COVID-19 pandemic, and many other issues.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 2, 2020
फोन वार्ता के दौरान ट्रंप ने G-7 की अमेरिकी अध्यक्षता के बारे में बात की और समूह की मौजूदा सदस्यता का विस्तार कर भारत सहित अन्य महत्वपूर्ण देशों को इसमें शामिल करने की अपनी इच्छा से अवगत कराया। बयान में कहा गया है, “इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में होने वाले अगले जी-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया।”
बयान के अनुसार, मोदी ने ट्रंप के रचनात्मक और दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए उनकी तारीफ की, और इस तथ्य को माना कि इस तरह का कोई विस्तारित मंच कोविड बाद की दुनिया की उभरती वास्तविकताओं को ध्यान में रखेगा। मोदी ने ट्रंप से कहा कि भारत को प्रस्तावित समिट की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका और अन्य देशों के साथ काम करके खुशी होगी।
बयान में कहा गया है कि मोदी ने अमेरिका में मौजूदा समय में चल रही नागरिक अशांति के संबंध में अपनी चिंता जाहिर की और स्थिति के जल्द समाधान को लेकर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।