#NDA4NationalProgress : N फॉर न्यू इंडिया, D फॉर…PM ने बताए NDA के मायने; कहा-हम जोड़ते हैं, वो देश को तोड़ते हैं, राजनीति में शत्रुता नहीं होती

नई दिल्ली। एनडीए की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटक दलों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने जहां एनडीए के महत्व के बारे में बताया, वहीं, परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर निशाना साधा। उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने एनडीए का फुल फॉर्म भी बताया। उन्होंने कहा कि एन फॉर न्यू इंडिया, डी फॉर डेवलप्ड नेशन, ए फॉर एस्पिरेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडिया। आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को एनडीए पर भरोसा है। पीएम ने कहा कि एनडीए ने वोट की नहीं, विकासवाद की राजनीति की है। पीएम ने कहा कि हम भी विपक्ष में रहे, लेकिन सरकारों का विरोध करने के लिए विदेश की मदद नहीं मांगी। विपक्ष में रहे तो सरकार की राह में रोड़े नहीं अटकाए। आज विपक्ष की कई सरकारें राज्यों में केंद्र की योजना लागू होने नहीं देती। यह लोग सोचते हैं कि अगर गरीबों को लाभ मिल गया तो उनकी राजनीति कैसे चलेगी। विभिन्न योजनाओं के लिए राज्यों को चिट्ठियां लिखनी पड़ती हैं।

जनता देख रही है कि यह पार्टियां क्यों एकजुट हो रही हैं? वह कौन सा ग्लू है जो पार्टियों को जोड़ रही है? निजी स्वार्थों के लिए मूल्यों से समझौता किया जा रहा है। लोग देख रहे हैं कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। वहीं, बेंगलुरु में इनके नेता साथ बैठकर मुस्कुरा रहे हैं। बंगाल में लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी के बीच का द्वंद्व किसी से छिपा नहीं है। पीएम ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पास-पास तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते। यह अपने कार्यकर्ताओं के भी नहीं हो सकते। इन दलों के कार्यकर्ता भी कंफ्यूज हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग मोदी के लिए इतना सोच रहे हैं, काश देश के लिए इतना सोचते।

पीएम मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव में समय कम नहीं है और देश के लोगों ने मन बना लिया है कि एनडीए को फिर मौका देना है। देश ही क्यों, विदेश तक भी यह आवाज सुनी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जो सरकार जाने वाली होती है, उसके साथ विदेशी सरकार समय नष्ट नहीं करती है। लेकिन तमाम देश भारत को मान-सम्मान दे रहे हैं। क्योंकि वह भी जानते हैं क्योंकि भारत के लोगों का भरोसा एनडीए पर है। भारत में जनमत किसके साथ है, यह वह भी जानते हैं। एनडीए का विस्तार केवल संख्या और भौगोलिक विस्तार नहीं है। देश की जनता हमारी हिस्ट्री को भी देख रही है। उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत रंग लाने वाली है। देश की जनता को आपके ऊपर भरोसा है।

पीएम मोदी ने संयुक्त विपक्ष गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के गठबंधन सरकार का उदाहरण सामने है। इस सरकार ने किसी तरह उठा-पटक के बीच दस साल पूरे किए, लेकिन देश को क्या मिला? देश को मिला खींचतान, करप्शन, लाखों-करोड़ों के घोटाले, जब भी अहम फैसले लेने की बात आई गठबंधन की मजबूरियां दी जाती थीं। सहयोगियों पर दोष मढ़ दिया जाता था। पीएम ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि एनडीए इससे अलग है। पीएम ने कहा कि हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं, मजबूती का माध्यम है। हमारा गठबंधन कांट्रीब्यूशन का प्रतीक है। एनडीए में कोई भी राजनीतिक बड़ा या छोटा नहीं है। हम सभी एक लक्ष्य के लिए आगे बढ़े हैं। 2014 हो या 2019 भाजपा को वोट बहुमत से ज्यादा मिला, लेकिन एनडीए बना रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए के सभी दल समाज के वंचित वर्गों के बीच काम करते हैं। हमारे साथ आदिवासी, पिछड़े लोगों के बीच काम करने वाले दल हैं। ऐसे दल हैं साथ जिनकी पहली दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि एनडीए देश के लिए देश के लोगों के लिए समर्पित है। एनडीए की विचारधारा है नेशन फर्स्ट, नेशन सिक्योरिटी फर्स्ट, प्रोग्रेस फर्स्ट, एम्पॉवरमेंट ऑफ पीपुल फर्स्ट। एनडीए की बैठक में संकल्प लिया था कि देश के गरीबी को गरीबों की ताकत से ही खत्म करेंगे। इसलिए हमने गरीबों को सशक्त करने काम किया। आज इसी का नतीजा है कि भारत में गरीबी खत्म होने के कगार पर है। गरीबों को अपना घर मिल रहा है। यह सिर्फ छत नहीं, यह उस परिवार को सुरक्षा कवच देता है।

पीएम ने कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन शत्रुता नहीं होती लेकिन आज विपक्ष ने अपनी एक ही पहचान बना ली है, हमें गाली देना, हमें नीचा दिखाना। बावजूद इसके हमने देश को दलों के हित से उपर रखा है। उन्होंने कहा कि यह एनडीए सरकार ही है जिसने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया, हमने मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, गुलाम नबी आज़ाद जैसे अनेक नेताओं को पद्म सम्मान दिया।

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