चांद पर उतरने से ठीक 2-3 मिनट पहले विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा, डेटा का विश्लेषण जारी, PM मोदी ने बढ़ाया वैज्ञानिकों का हौसला
बेंगलुरू। भारत को आज तब बड़ी सफलता मिलते-मिलते रह गयी जब चंद्रयान-2 मिशन पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाया। करोड़ों भारतीय सांसें थामे चंद्रयान-2 की सफलता की दुआ कर रहे थे और सबकुछ सही चल भी रहा था लेकिन आखिरी दो-तीन मिनटों में सब गड़बड़ हो गया। इसरो प्रमुख के. सिवन ने जानकारी दी कि लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चंद्रमा से 2.1 किलोमीटर पहले ही लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बात की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं कि लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित नहीं हो सकता।
Watch Live : Landing of Chandrayaan2 on Lunar Surface https://t.co/zooxv9IBe2
— ISRO (@isro) September 6, 2019
जैसे ही चंद्रयान-2 से संपर्क टूटा, इसरो स्पेस सेंटर में मायूसी छा गयी। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास के इस अभूतपूर्व क्षण का गवाह बनने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद बेंगलूर स्थित इसरो के केंद्र में मौजूद थे लेकिन जैसे ही उन्हें इस मिशन के असफल होने की जानकारी दी गयी उन्होंने इसरो प्रमुख और मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन देश और हम पूरी तरह आपके साथ हैं।
India is proud of our scientists! They’ve given their best and have always made India proud. These are moments to be courageous, and courageous we will be!
Chairman @isro gave updates on Chandrayaan-2. We remain hopeful and will continue working hard on our space programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
इस मिशन से जुड़े अधिकारियों के मन में कुछ घबराहट नजर आ रही थी क्योंकि यह एक जटिल अभियान था और भारत इसे पहली बार कर रहा था। इसरो सेंटर में आज शाम से ही भारी भीड़ का माहौल था और ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के जरिए इसरो द्वारा देशभर से चुने गए दर्जनों छात्र-छात्राएं, बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी और अन्य लोग इसरो टेलीमेंट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के जरिए इस ऐतिहासिक लम्हे का सीधा नजारा देखने के लिए मौजूद थे। देर रात मिशन के असफल होने के बाद सभी के चेहरे मायूस हो गये लेकिन सभी ने इसरो के वैज्ञानिकों की तहेदिल से तारीफ की।
This is Mission Control Centre. #VikramLander descent was as planned and normal performance was observed up to an altitude of 2.1 km. Subsequently, communication from Lander to the ground stations was lost. Data is being analyzed.#ISRO
— ISRO (@isro) September 6, 2019