पंचतत्व में विलीन सुषमा स्वराज, नम आंखों से लोगों ने दी अंतिम विदाई, बेटी बांसुरी ने पूरी की अंतिम संस्कार की रस्म
नई दिल्ली। लोधी रोड में सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया को पूरी की उनके साथ सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल मौजूद थे। भाजपा मुख्यालय में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अंतिम दर्शन हुए। जिसके बाद सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार के लिए लोधी रोड ले जाया गया। बता दें कि सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार लोधी रोड के शवदाह गृह में किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सुषमा स्वराज के शव को कंधा दिया।
इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर उनके आवास से बीजेपी मुख्यालय लाया गया। पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ता और आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके आवास PM मोदी, राष्ट्रपति कोविंद समेत कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पंचतत्व में विलीन होने से पहले सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी भीड़ देखने को मिली। सरकार से लेकर विपक्षी पार्टिोयों के नेताओं की लंबी कतारें दिखीं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी सुषमा स्वराज को अंतिम श्रद्धांजलि दी। इतना ही नहीं, सुषमा को श्रद्धांजलि देते वक्त वेंकैया नायडू फफक-फफक कर रो पड़े।
सुषमा स्वराज जी के जाने से भारतीय राजनीति में एक बड़ी रिक्तता आई है जो लंबे समय तक नहीं भर पायेगी।
सुषमा जी के अंतिम दर्शन कर पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रभु दिवंगत आत्मा को सदगति प्रदान करे…ॐ शांति शांति शांति pic.twitter.com/g2tg2jBBqQ
— Amit Shah (@AmitShah) August 7, 2019
इसके अलावा, लालकृष्ण आडवाणी, मनीष सिसोदिया, शरद यादव, अशोक गहलोत, बिप्लब देव, अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं ने सुषमा स्वराज को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
ज्ञात हो कि सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AMS) में निधन हो गया था। वहां से उनका पार्थिव शरीर रात में ही उनके आवास पर लाकर लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है। कई केन्द्रीय मंत्री, भाजपा के नेता तथा कार्यकर्ता और कई अन्य लोग रात में ही उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे गए थे। बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक और समर्थक सुबह से ही अपनी प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंच थे।