गरमा-गरम बहस के बाद देर रात 12 बजे लोकसभा से नागरिक संशोधन बिल पास- पक्ष में पड़े 311 वोट
नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार देर रात 12 बजे लोकसभा में पारित हो गया दिन भर चली गहमा-गहमी आरोप-प्रत्यारोप के बीच 12 घंटे चली बहस के बाद हुए मतदान में विधेयक के पक्ष में 311 जबकि विरोध में 80 वोट पड़े। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इससे पहले विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मुस्लिमों का इस बिल से कोई वास्ता नहीं है। यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और अनुच्छेद-14 का उल्लंघन नहीं करता। यह केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने के लिए लाया गया है।
लोक सभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित pic.twitter.com/KyObp727ID
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) December 9, 2019
विधेयक पर चर्चा में 48 सदस्यों ने हिस्सा लिया। शाह ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में शरणार्थियों के संरक्षण के लिए पर्याप्त कानून हैं।
I would like to specially applaud Home Minister @AmitShah Ji for lucidly explaining all aspects of the Citizenship (Amendment) Bill, 2019. He also gave elaborate answers to the various points raised by respective MPs during the discussion in the Lok Sabha.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2019
श्री शाह ने 1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पूर्ण रूप से लागू ही नहीं किया गया। उन्होंने दोहराया कि यदि धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं किया गया होता तो विधेयक की जरूरत नहीं पड़ती।
Delighted that the Lok Sabha has passed the Citizenship (Amendment) Bill, 2019 after a rich and extensive debate. I thank the various MPs and parties that supported the Bill. This Bill is in line with India’s centuries old ethos of assimilation and belief in humanitarian values.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2019
गृह मंत्री ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23% थी, जो 2011 में 3.7% रह गई। बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22% थी जो 2011 में कम होकर 7.8% रह गई। जबकि 1951 में देश में 9.8% मुस्लिम थे जो बढ़कर 14.23% हो गए हैं।
Thank you honourable PM @narendramodi ji. You are an inspiration and under your leadership we all strive harder each day to build a #NewIndia for our future generations. https://t.co/TZlR3QuUEL
— Amit Shah (@AmitShah) December 9, 2019
श्री शाह ने कहा कि हमारा रुख साफ है कि देश में NRC लागू होकर रहेगा। हमारा घोषणापत्र ही इसकी पृष्ठभूमि है। उन्होंने कहा कि NRC और नागरिकता संशोधन विधेयक में कोई संबंध नहीं है। वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देने की कोशिश करने वालों को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी रोहिंग्या को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
Replying on Citizenship (Amendment) Bill 2019 in Lok Sabha. https://t.co/L2A9ZcbCny
— Amit Shah (@AmitShah) December 9, 2019
गृहमंत्री ने बिल को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताएं दूर की। शाह ने कहा, नगालैंड-मिजोरम इनर लाइन परमिट के जरिए संरक्षित हैं। मणिपुर के लोग भी इसमें शामिल किए जा रहे हैं। मालूम हो कि पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के लिए इनर लाइन परमिट लेना होता है।
I extend my gratitude to PM @narendramodi for making the historic Citizenship Amendment Bill a reality, that will allow India to open its doors to minorities from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan who are facing religious persecution.
I thank everyone who supported this bill.
— Amit Shah (@AmitShah) December 9, 2019
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए विधेयक की प्रति फाड़ दी। इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है।