पुरानी भिलाई थाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाल मित्र कक्ष के शुभारंभ के अवसर पर कहा
रायपुर। अक्सर अभिभावक बच्चों की शरारत रोकने उन्हें पुलिस का नाम लेकर डराते हैं जिससे बच्चों में पुलिस की नकारात्मक छवि बन जाती है। इस छवि को बदलने दुर्ग पुलिस ने बाल मित्र कक्ष के रूप में एक अभिनव प्रयोग किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए आज दुर्ग जिले के पुराने भिलाई थाने में बाल मित्र कक्ष का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयोग है। बच्चों को यह मैसेज मिलेगा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए होती है। वो तो पेरेंट्स की तरह उनका ख्याल रखती है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि यहां बच्चों के लिए किताबें हैं। चाचा चौधरी की कॉमिक्स मैंने देखी, नागराज की कॉमिक्स देखी। इससे पढ़ने की आदत तैयार होती है। बच्चों की कल्पनाशीलता बढ़ती है। एक बार बच्चे किताबें पढ़ते हैं तो उनके लिए नई दुनिया खुल जाती है।
मुख्यमंत्री ने दुर्ग पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमेशा अपना काम बेहतर करने के लिए नई युक्तियों की खोज आपके कार्य को सार्थकता प्रदान करती है। यह अच्छा प्रयोग उन्होंने किया है। सोच बदलने से, नजरिया बदलने से रास्ते खुल जाते हैं। यह बहुत अच्छी सोच है कि थाने में भी बाल मित्र कार्नर बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल बच्चे ही यह महसूस नहीं करेंगे अपितु थाने आने वाला हर नागरिक पुलिस के संवेदनशील चेहरे को महसूस कर सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग की सफलता के लिए नागरिकों से अधिकतम संवाद जरूरी है। जहां कहीं भी यह संवाद बेहतर होता है वहां इसके परिणाम अच्छे आते हैं। उन्होंने कहा कि थाने के भय मुक्त माहौल में बच्चे खुलकर अपनी बात भी रख सकेंगे। इन थानों में महिला आरक्षक भी होंगी जो बच्चों का ध्यान रखेंगी। बाल मित्र कक्ष में खाना खजाना का कोना भी रखा गया है। यहां मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद भी लिया।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यह दुर्ग पुलिस की अच्छी पहल है। बच्चों के मनोविज्ञान में पुलिस की सकारात्मक छवि इससे बनेगी। अपनी शिकायत थाने लेकर आने वाले लोग भी पुलिस की संवेदनशीलता को महसूस करेंगे। यह पुलिस की छवि को निखारने की दिशा में सार्थक कदम है। इस तरह के नवाचारों से पुलिसिंग मजबूत होगी। विधायक एवं भिलाई महापौर श्री देवेंद्र यादव ने भी इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस की छवि निखारने की दिशा में यह कदम कारगर साबित होगा।कार्यक्रम में आईजी श्री हिमांशु गुप्ता ने बाल मित्र कक्ष के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अंकित आनंद एवं एसपी श्री प्रखर पांडेय भी उपस्थित रहे।
भिलाई पहुंचकर बाल मित्र कक्ष का शुभारंभ किया।
अक्सर अभिभावक, बच्चों की शरारत को रोकने के लिए उन्हें पुलिस का नाम लेकर डराते हैं जिससे बाल मनोविज्ञान में पुलिस की नकारात्मक छवि बन जाती है। इस छवि को बदलने के लिए दुर्ग पुलिस ने बाल मित्र कक्ष के रूप में एक अभिनव प्रयोग किया है। pic.twitter.com/9Hd4EdbwCW
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 12, 2019
8 थानों में बने बाल मित्र कक्ष-
जिले के 8 थानों में बाल मित्र कक्ष बनाये गए हैं। इन थानों में भिलाई, पुरानी भिलाई, पाटन, जामुल, दुर्ग, मोहन नगर, पुलगांव, उतई शामिल हैं। इन्हें खूबसूरत तस्वीरों से सजाया गया है। सुंदर सुंदर खिलौने रखे गए हैं। सांप सीढ़ी, लूडो जैसे इनडोर गेम्स रखे गए हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए किताबें रखी गई हैं।
विजिटर बुक में भी दिया संदेश-
मुख्यमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा कि बालमित्र कक्ष का उद्देश्य बच्चों के मन में पुलिस के प्रति भय दूर करना। गृह मंत्री ने लिखा, एक नया कदम, सराहनीय प्रयास।