छत्तीसगढ़ की संस्कृति और मान-सम्मान की सुखद स्मृति लेकर जाएं देश-विदेश से पहुंचे कलाकार : मुख्यमंत्री श्री बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम बेमेतरा से रायपुर वापसी के दौरान सीधे राजधानी रायपुर स्थित साईंस कॉलेज मैदान पहुंचकर वहां 27 से 29 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारी का विस्तार से जायजा लिया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं पशुपालन मंत्री रविन्द्र चौबे तथा खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत भी साथ थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आयोजन स्थल पर मुख्य मंच, दर्शकों की बैठक व्यवस्था, कलाकारों के लिए बनाए जा रहे वातानुकूलित अतिथि कक्ष और मीडिया की बैठक व्यवस्था सहित विभिन्न पंडालों का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान आयोजन स्थल में बनाए जा रहे फूड जोन, शिल्प ग्राम के स्टाल और शासन के विभिन्न विभागों द्वारा लगाई जाने वाली प्रदर्शनी स्टालों की तैयारियों का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कलाकारों द्वारा कार्यक्रमों की सफल प्रस्तु ति के लिए समुचित इंतजाम के संबंध में भी संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से पहुंचे सभी कलाकारों के मान-सम्मान का भी भरपूर ख्याल रखा जाए और वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और आथित्य भाव से खुश होकर यहां से सदैव के लिए एक सुखद स्मृति लेकर जाएं।
आज शाम रायपुर में साईंस कॉलेज मैदान पहुंचकर 27 से 29 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारी का जायजा लिया।
आयोजन स्थल पर मुख्य मंच, दर्शकों की बैठक व्यवस्था, कलाकारों के लिए अतिथि कक्ष और मीडिया की बैठक व्यवस्था सहित विभिन्न पंडालों का अवलोकन किया। pic.twitter.com/JvbTQmabvT— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 25, 2019
मुख्य सचिव आर.पी. मंडल ने बताया कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण पर है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, संस्कृति विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव अब अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ ही 6 देशों के लगभग 1350 से अधिक प्रतिभागी अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इस महोत्सव में 39 जनजातीय प्रतिभागी दल 4 विभिन्न विधाओं में 43 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे।