श्रीमद् भगवत् गीता हमारे जीवन की कठिन परिस्थितियों में सच्चा मार्ग दिखाती है : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि श्रीमद् भगवत् गीता हमारे जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी सच्चा मार्ग दिखाती है। इस दिव्य ग्रंथ में अर्थपूर्ण और यशस्वी जीवन के लिए बहुमूल्य जीवन दर्शन है। मुख्यमंत्री आज दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड स्थित ग्राम महकाखुर्द में आयोजित गीता जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन कोसरिया यादव महासभा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को समाज के सदस्यों ने खुमरी पहनाई, लाठी दी और कहा चिंहौर पतरी ला रखे रहिबे। मुख्यमंत्री ने भी भगवान कृष्ण का नमन करते हुए जय माधव, जय यादव का नारा लगाया।
आज पाटन विकासखण्ड स्थित ग्राम महकाखुर्द में कोसरिया यादव महासभा द्वारा आयोजित गीता जयंती समारोह में उपस्थित हुआ।
"श्रीमद् भगवत् गीता हमारे जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी सच्चा मार्ग दिखाती है। इस दिव्य ग्रंथ में अर्थपूर्ण और यशस्वी जीवन के लिए बहुमूल्य जीवन दर्शन है।" pic.twitter.com/1KuWZ3OE2j
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 8, 2019
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण से बड़ा कोई आंदोलनकारी नहीं। उन्होंने अन्याय के प्रतिरोध के लिए लोगों को तैयार किया और इनका नेतृत्व किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान कृष्ण ने लोगों से कहा कि गोवर्धन पर्वत के प्रति कृतज्ञ हों क्योंकि उनसे पशुओं को चारा और जलाऊ लकड़ी मिलती है। इंद्र इससे कुपित हुए तो उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों को संरक्षण दिया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण के जीवन से हम सीख सकते हैं कि पहले अपने संसाधनों का विकास स्वयं के लिए करें ताकि न्याय की लड़ाई के लिए मजबूत हो सकें। गोपियां दूध, दही मथुरा भेज देती थीं स्थानीय ग्वाल बच्चे कुपोषित रह जाते थे, कृष्ण जी ने माखन चोरी कर इसका प्रतिरोध किया। इससे हमें शिक्षा मिलती है कि अपने बच्चों को पर्याप्त दूध दही दें ताकि उनका मानसिक और शारीरिक पोषण मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी भी 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं 41 प्रतिशत महिलाओं को एनीमिया है। ऐसे में पोषण आहार का कितना ज्यादा महत्व है। नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से पशुधन संवर्धन पर इसीलिए जोर दिया जा रहा है ताकि पशुओं को गुणवत्तापूर्ण एवं प्रचुर मात्रा में चारा मिल सके। गौठान समितियों के संचालन के लिए दस हजार रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने पशुधन के संवर्धन के लिए हम सब संकल्प लें और गौठान को मजबूत करने में भागीदारी निभाएं। इससे प्रदेश में दूध की नदियां बहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को 2500 रुपये मूल्य दिलाने के लिए संकल्पित है। अभी 1815 और 1835 रुपये में खरीदी कर रहे हैं। शेष राशि बजट में योजना लाकर पृथक रूप से किसानों के खाते में दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से लगातार आग्रह किया है कि बोनस देने पर चावल नहीं लेने की शर्त हटा दें ताकि किसानों को तुरंत 2500 रुपये भुगतान किया जा सके। इस मौके पर विधायक एवं भिलाई महापौर श्री देवेंद्र यादव भी उपस्थित थे।