अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कृषि और हैण्डलूम उत्पादों को बाजार दिलाने 8 एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ कृषि और हैण्डलूम उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए आठ कंपनियों के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से चार एम.ओ.यू. छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड और चार एम.ओ.यू. छत्तीसगढ़ हाथ करघा विकास एवं विपणन संघ के साथ हुए। कृषि उत्पादों के लिए बांग्लादेश, ग्रीस की विभिन्न कंपनियों और यूरोप-इंडिया एग्रीकल्चर फोरम के साथ एम.ओ.यू. किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के साथ कृषि उत्पादों के विपणन के लिए बांग्लादेश फ्रेश फ्रूटस इंपोर्टरस एसोसिएशन, बांग्लादेश एग्रो प्रोसेसर्स एसोसिएशन, ग्रीक फूड कॉरीडोर ग्रीस और यूरोप-इंडिया एग्रीकल्चर फोरम ने एम.ओ.यू. किए।
छत्तीसगढ़ के उत्पादों, कृषि उपजों, वनोपजों, हैण्डलूम कोसा इत्यादि को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने एवं अंतराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में इस तरीके का यह पहला अंतराष्ट्रीय आयोजन है। pic.twitter.com/td0mI99ga9
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 20, 2019
छत्तीसगढ़ के उत्पादों, कृषि उपजों, वनोपजों, हैण्डलूम कोसा इत्यादि को वैश्विक बाजार तक पहुँचाने एवं अंतराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन एवं विक्रय को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में इस तरीके का यह पहला अंतराष्ट्रीय आयोजन है। pic.twitter.com/td0mI99ga9
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हैण्डलूम वस्त्रों के लिए टाटा कंपनी के ब्रांड तनीरा ¼Taneira½ के साथ एम.ओ.यू. किया गया। कंपनी का यह ब्रांड प्राकृतिक रेशे से बुनी गयी साड़ियों और वस्त्रों के लिए कौशल उन्यन, मानिकीकरण और दस्तावेजीकरण के क्षेत्र में सहयोग करेगा। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के बुनकरों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार और अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजारों में अच्छा मूल्य प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के हैण्डलूम और सिल्क उत्पादों को विश्वस्तरीय बाजार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ हाथ करघा विकास एवं विपणन संघ के साथ चार एम.ओ.यू. किए गए। ये एम.ओ.यू. टाटा कंपनी लिमिटेड, पेरामोन इंडस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, एक गांव ग्रुप टेक्नॉलाजी प्रायवेट लिमिटेड और संत रविदास एम.पी. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के साथ किए गए।