भाजपा में शामिल हो सक्रिय राजनीति में वापस लौटे कल्याण सिंह, कहा : मेरा तन टायर नहीं, मन रिटायर नहीं
लखनऊ। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह सोमवार को एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गये। लगभग 87 वर्षीय कल्याण सिंह ने BJP के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में एक बार फिर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उनके बेटे एवं एटा से सांसद राजवीर सिंह और प्रदेश के वित्त राज्यमंत्री एवं पौत्र संदीप सिंह भी मौजूद थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @swatantrabjp ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल माननीय श्री कल्याण सिंह जी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। pic.twitter.com/zxqnoYngSc
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) September 9, 2019
कल्याण सिंह ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इतनी उम्र गुजर जाने के बावजूद न तो वह थके हैं और न ही उनका मन छूटा है। उन्होंने कहा, मेरा तन टायर नहीं है, मन रिटायर नहीं है। उन्होंने कहा, मैं राजनीति को जनसेवा का सशक्त माध्यम मानता हूं। उसी भावना से मैंने फिर से सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया है। जब तक मैं राज्यपाल रहा तब तक मैंने उस पद की गरिमा का पूरा ख्याल रखा। सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भविष्य में चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
आज उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी ने @BJP4India @BJP4UP की सक्रिय राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार वापसी की है उन्होनें राजनीति को चुनाव लड़ने के बजाय जनता की सेवा का सशक्त माध्यम बताया है।@swatantrabjp @sunilbansalbjp pic.twitter.com/nq7bs8EV5c
— Dr. Aditya Kr. Singh (@DrAditya_IITBHU) September 9, 2019
अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर पूछे गये सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न है। जितनी पार्टियां हैं, वे जनता के सामने अपना मत स्पष्ट करें कि वे राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं या फिर उसके विरोध में। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। जब से योगी ने गद्दी सम्भाली है तब से गांव, गरीब की स्थिति में बड़ा फर्क आया है। खुशहाली बढ़ी है।कभी भाजपा के छत्रप माने जाने वाले सिंह ने करीब पांच साल पहले राजस्थान का राज्यपाल बनने के बाद भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था।