कलेक्टर ने ली नरवा-गरवा, घुरवा एवं बारी योजना की समीक्षा बैठक, अपूर्ण गौठान निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश
दन्तेवाड़ा। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरवा, घुरवा एवं बारी का कारगर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिये सम्बंधित विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा आपसी तालमेल के साथ दायित्व निर्वहन किया जाये। इस दिशा में सम्बंधित विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा गांवों में एक साथ मिलकर भ्रमण करने सहित किसानों-पशुपालकों और ग्रामीणों को योजना कार्यान्वयन तथा उसके फायदे के बारे में अवगत कराया जाये, ताकि इस योजना क्रियान्वयन में अधिकाधिक लोगों की सहभागिता हो सके। उक्त निर्देश कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने जिला पंचायत के सभागार में आयोजित नरवा-गरवा, घुरवा एवं बारी योजना की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारी-कर्मचारियों को दिये। बैठक में सीईओ जिला पंचायत सच्चिदानंद आलोक, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एसएन दुबे, उपसंचालक कृषि श्री पीआर बघेल,उपसंचालक पशुपालन विभाग डॉ कुशवाहा सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, जलसंसाधन विभागों के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बैठक के दौरान जिले में नरवा-गरवा, घुरवा एवं बारी योजना कार्यान्वयन स्थिति की विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया कि शासन की मंशानुसार उक्त योजना क्रियान्वयन में व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित किया जाये। इस हेतु योजना क्रियान्वयन में सभी किसानों, पशुपालकों और ग्रामीणों को जोड़ा जाये। गौठान समितियों में सभी की भागीदारी सुनिश्चित किया जाये।
कलेक्टर श्री वर्मा ने उक्त योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सार्थक बदलाव लाने वाला निरूपित करते हुए कहा कि गौठान में जहां मवेशियों की देखरेख होगी, वहीं उनके गोबर से उत्तम जैविक खाद बनाने के फलस्वरूप गौठान समिति को आमदनी होगी। इसके साथ ही गौठान के चारों तरफ निर्मित सीपीटी में फलदार पौधों के रोपण से भविष्य में फलों की सुलभता होगी।वहीं चारागाह विकास के माध्यम से गौठान समिति को आय होगी। नालों पर जल संवर्धन एवं जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के जरिये भूजल स्तर में आशातीत वृद्धि होगी। इसके साथ ही सिंचाई के लिये पानी की आसान उपलब्धता सुनिश्चित होगी। घरों में घुरवा के प्रबंधन से नाडेप एवं कम्पोस्ट खाद मिलेगी और जैविक खेती-किसानी को बढ़ावा मिलेगा।
जिससे लोगों को शुद्ध चावल, अनाज तथा साग-सब्जी की सुलभता हो सकेगी। बाड़ी में साग-सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के फलस्वरूप स्थानीय स्तर पर भरपूर साग-सब्जी मिलेगी। इन सभी आयमूलक गतिविधियों के जरिये ग्रामीणों की आय में बढ़ोतरी होगी और उनकी क्रयशक्ति में वृद्धि होगी। इस महत्ती ध्येय को मद्देनजर रखते हुए शासन की उक्त महत्वाकांक्षी योजना के कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाये। कलेक्टर श्री वर्मा ने जिले में सुपोषित दन्तेवाड़ा अभियान के क्रियान्वयन के लिये साग-सब्जी की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि बाड़ी विकास के जरिये प्राप्त होने वाली साग-सब्जियों की मांग स्थानीय स्तर पर ही महिला समूहों द्वारा की जायेगी। इसे ध्यान रखकर बाड़ी विकास के लिये ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जाये और उन्हें आवश्यक सहायता दी जाये।
कलेक्टर श्री वर्मा ने जिले के अपूर्ण गौठान निर्माण कार्यों को अतिशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। इसके साथ ही चारागाह विकास को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान गौठान निर्माण की मजदूरी भुगतान, गौठानों में चेनलिंक फेंसिंग,चारागाह विकास हेतु नेपियर घास रूट्स सहित एमपी चरी-चारा, ज्वार, बाजरा, मक्का बीज की उपलब्धता के साथ ही गौठान समितियों की जिम्मेदारी, बाड़ी विकास के लिये सब्जी बीज की सुलभता एवं ग्रामीणों को वितरण, नाडेप टैंक निर्माण स्थिति इत्यादि की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गयी।