छत्तीसगढ़ और विदर्भ के बीच रहा है पुराना संबंध : CM भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित मराठा सेवा संघ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ और विदर्भ का बहुत पुराना संबंध रहा है। भौगोलिक, राजनीतिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी। महाराष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। आने वाले समय में यह संबंध और अधिक प्रगाढ़ होगा।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के नर्रा गांव में स्थित छत्तीसगढ़ के पूर्व मराठा शासक बिम्भाजी राव भोसले के समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह समाधि जर्जर स्थिति में है। इसका सौंदर्यीकरण उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मराठा संघ के सामाजिक भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग पर कहा कि मराठा सेवक संघ को भी अन्य समाजों की तरह कलेक्टर गाइडलाइन दर के 10 प्रतिशत मूल्य पर भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा। रायपुर के कचना में आयोजित इस कार्यक्रम में मराठा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामाजी पवार, संस्थापक अध्यक्ष पुरूषोत्तम खेडे़कर, प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र दानी, पूर्व विधायक रेखा ताई, पूर्व मराठा शासक बिम्बाजी भोंसले के परिजन मधोजी भोसले और मंगला दानी सहित संघ के अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आरंभ में छत्रपति शिवाजी महाराज और महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर मराठा सेवा संघ की त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन किया और आयोजकों की ओर से उत्कृष्ट कार्यों के लिए समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ और विदर्भ के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद सीपी एंड बरार में छत्तीसगढ़ अंचल का क्षेत्र भी शामिल था, जिसकी राजधानी नागपुर थी। छत्तीसगढ़ के अनेक शहरों में मराठा समाज के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। रायपुर के दूधाधारी मठ का जीर्णाेद्धार मराठा शासक ने कराया था, इसी तरह रायपुर के 400 वर्ष पुराने रावण भाटा मैदान में भोसले राजाओं ने सार्वजनिक दशहरा उत्सव की शुरुआत की थी। अब जब महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लोगों का एक दूसरे के राज्य में आना जाना बढ़ रहा है, तो आने वाले समय में यह संबंध और ज्यादा प्रगाढ़ होगा।

मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अनेक बड़ी लड़ाईयां लड़ी गई, वहां एक से बढ़कर एक पराक्रमी योद्धा और छत्रपति शासक हुए। समाज सुधार के क्षेत्र में भी महाराष्ट्र में बड़ा आंदोलन हुआ। सावित्रीबाई फूले पहली शिक्षिका थी और ज्योतिबा फूले जी ने समाज सुधार का बड़ा काम किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के महापुरुषों और संतो ने समाज की उन्नति और समाज को जोड़ने के लिए काम किया था। हमारे संतो और महापुरुषों ने जो संदेश दिया था, उसे पूरे देश तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने देश को जोड़ने का काम किया था, इसलिए सबको जोड़ें और तोड़ने वाली शक्तियों को पराजित करें। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि समाज और राजनीति अलग अलग नहीं है। राजनीति भी एक बड़ा सामाजिक मंच है। सभी समाजों में सभी राजनीतिक दलों के लोग रहते हैं, हमारे सामाजिक जीवन से जुड़ी समस्याओं पर भी राजनीतिक स्तर पर विचार होना चाहिए और उनके समाधान की दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में लगातार बढ़ती महंगाई का उल्लेख किया।

श्री बघेल ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में जाने से बचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब सार्वजनिक उपक्रम बचेंगे नहीं तो लोगों को आरक्षण कहां मिलेगा। श्री बघेल ने भिलाई इस्पात संयंत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इस संयंत्र के प्रारंभ होने के बाद देशभर के लोग वहां आए और काम किया। इससे उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में उन्नयन हुआ। सार्वजनिक उपक्रम केवल लाभ कमाने का ही जरिया नहीं हैं, लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सामाजिक सरोकार भी इनसे जुड़ा है। कार्यक्रम को मराठा सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामाजी पवार, संस्थापक अध्यक्ष पुरूषोत्तम खेडे़कर, प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र दानी और मधोजी भोसले ने भी सम्बोधित किया।

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