कुछ जगहों पर आज़ादी-आज़ादी के नारे सुनते है, देश आजाद है। फिर किससे आजादी ? : रविशंकर प्रसाद
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजादी के नारे लगाने वाले प्रदर्शकारियों पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि देश तो पहले ही आजाद है। उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 (1) के तहत देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह अनुच्छेद हमें इस तरह की आजादी पर समुचित प्रतिबंध की भी याद दिलाता है।
प्रसाद ने ट्वीट किया, हम आजकल कुछ जगहों पर आजादी-आजादी के नारे सुन रहे हैं। किस से आजादी? लोग खुलकर सरकार की आलोचना करते हैं। वह किसी को चुन सकते हैं या किसी को नकार सकते हैं। उनमें से कुछ विश्वविद्यालयों का घेराव और पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जता चुके हैं। फिर किससे आजादी?
We hear slogans of Azadi Azadi these days at some places. Azadi from what? The country is free. People criticise the govt. freely. They can elect or vote out anyone. Some of them even gherao Universities and resent against Police also. Then Azadi from what? #TimesNowSummit pic.twitter.com/RkR2U65U4Z
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 12, 2020
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने निजी चैनल समिट को संबोधित करते हुए कहा, आपकी आजादी का आलम यह है कि आप अपने ही विश्वविद्यालय का घेराव करते हैं और पुलिस से भी लड़ते हैं। फिर आपको किससे आजादी चाहिये? इस सवाल पर बहस होनी चाहिये।