नक्सल क्षेत्रों में हर परिवार को एक गाय-भैंस देकर डेयरी कोऑपरेटिव की शुरुआत: अमित शाह

 रायपुर ।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जगदलपुर में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और असम के उन लोगों से मुलाकात की जो हथियार छोडक़र समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। इस अवसर पर गृहमंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 15 हज़ार मकान बनाने को मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में हर परिवार को एक गाय या भैंस देकर डेयरी कोऑपरेटिव बनाने की शुरूआत भी की जा रही है।
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और असम के समर्पित नक्सलियों से मुलाकात के बाद अमित शाह ने कहा कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया गया था। हिंसा रास्ता नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने हथियार उठा रखे हैं, उन्हें मेनस्ट्रीम में वापस लाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार  ने सबसे अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है और इसे पूरे देश में रेप्लिकेट करके हथियार छोडऩे वाले युवाओं को समाज में पुनस्र्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने हिंसा में लिप्त युवाओं से अपील की कि वे हथियार छोडक़र समाज की मुख्यधारा में आ जाएं। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के बारे में बात करते हुए कहा कि बस्तर के होनहार बच्चे भारत का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि 2025 से 2036 के ओलंपिक तक बस्तर के बच्चों को पदक जीतने के योग्य बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि जब बस्तर की एक बच्ची 2036 के ओलंपिक में पदक जीतेगी, वो नक्सलवाद को एक मज़बूत जवाब और पूरी दुनिया को संदेश होगा कि हिंसा रास्ता नहीं है बल्कि विकास रास्ता है।
उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की सबसे पहली प्राथमिकता बस्तर है। उन्होंने कहा कि हथियार छोडक़र समाज की मुख्यधारा में आने वाले लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी जी पर भरोसा किया है और उनका ये भरोसा टूटेगा नहीं और ऐसे लोगों को देखकर कई युवा हथियार छोडक़र विकास की यात्रा में शामिल होंगे।

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