राज्यपाल की नजरों में राजधानी में तीन बड़ी समस्याएं पेयजल की कमी, ट्रैफिक जाम और बढ़ता नशा
रायपुर।
राज्यपाल रमेन डेका की नजरों में राजधानी रायपुर में तीन बड़ी समस्याएं हैं। इन बड़ी समस्याओं में पेयजल की कमी, ट्रैफिक जाम और ड्रग्स है। उन्होंने इन मुद्दों को जिले के विकास में बाधा बताया और अधिकारियों से इनके समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी।
संभवत: यह पहला मौका है जब कोई राज्यपाल राजधानी की समस्याओं को लेकर गंभीर हुए हैं और इस पर जिले के अफसरों से सीधी बात की हो। राज्यपाल ने मंगलवार को रायपुर के रेडक्रॉस हॉल, कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अधिकारी कार्यालयों में बैठे, आम जनता से मिले, उनसे नियमित संवाद करें। उनकी समस्याओं को जाने और उनका निराकरण करें। शासकीय सेवक जनता के सेवक होते है। उनकी समस्याओं को हल करना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केन्द्र सरकार की फ्लैगशीप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन आप लोगों के माध्यम से ही होगा।
बैठक में उन्होंने जिले की प्रमुख समस्याओं जैसे ट्रैफिक जाम, पेयजल की स्थिति, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य समस्याओं को उजागर करना नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम सुझाना और लागू करना है। राज्यपाल ने इस पर जोर दिया कि ट्रैफिक सुधार का मकसद सिर्फ चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को यातायात के लिए शिक्षित करना है। इसको मिशन की तरह ले। उन्होंने सुझाव दिया कि बाएं मोड़ (लेफ्ट टर्न) को आसान बनाया जाए, रेलवे फाटकों पर डिवाइडर लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाएं कम हों और स्टंट करने वाली तेज रफ्तार टू-वीलर गाडिय़ों पर सख्ती से कार्रवाई हो।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे किसी भी दबाव में न आएं और नियमों का सख्ती से पालन कराएं। बच्चों और युवाओं में नशे की समस्या पर राज्यपाल ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के अलावा अस्पताल और मनोवैज्ञानिक की मदद से भी युवाओं को नशे की लत से निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। बैठक मे ंराज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना, उप सचिव हिना अनिमेष नेताम, रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।