#ShaheenBagh: किसान आंदोलन में बुर्कानशीनों की एंट्री, शाहीन बाद बनता सिंघु-टीकरी बॉर्डर, क्या सिंघु बॉर्डर देश का नया ‘शाहीन बाग’ ?

न्यूज़ डेस्क। किसान आंदोलन में अब बुर्कानशीनों की एंट्री हो गई है। शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में प्रदर्शन करने वाली बुर्कानशीनों ने अब किसान आंदोलन पर अपना डेरा जमा लिया है। सोशल मीडिया पर बुर्का पहनी महिलाओं की कई तस्वीरें सामने आई है। खालिस्तान समर्थक या मोदी तू मर जा जैसे नारे लगने की बात हो या उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव जैसे आरोपियों को रिहा करने की या फिर पिज्जा- मसाजर जैसी फाइव स्टार सुविधाओं की… आंदोलन शुरू से विवादों में रहा है।

अब इन बुर्कानशीनों की एंट्री से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इनका मकसद क्या है? क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों को देखकर नहीं लगता कि इनका संबंध किसान परिवार से है या ये खुद किसानी करती हैं।

भारतीय किसान यूनियन ( एकता उगराहां) ने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट किया कि आंदोलन में भाग लेने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे, हम सब एक हैं। भारतीय किसान यूनियन ( एकता उगराहां) वही किसान संगठन है जो इससे पहले उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा,जैसे लोगों की रिहाई की मांग कर चुका है।सोशल मीडिया पर इसको लेकर यूजर्स सवाल उठा रहे हैं…

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