#ModiThievesRemark : राहुल गांधी को बहुत बड़ा झटका: अब नहीं लड़ पाएंगे चुनाव? वीर सावरकर और 10 केस का जिक्र, जानें HC ने क्या दी नसीहत कहा….

न्यूज़ डेस्क । गुजरात हाई कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है। कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। जज ने राहुल गांधी पर वीर सावरकर से जुड़े केस का भी जिक्र किया।

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23 मार्च को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। अब हाई कोर्ट से मिले झटके से यह साफ हो गया है कि फिलहाल राहुल को संसद से दूर ही रहना होगा। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

हाई कोर्ट के जज हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के दूसरे मुकदमों का जिक्र किया तो राजनीति में शुचिता रखने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा, ‘अस्तित्वहीन आधार पर (गांधी) सजा पर स्टे मांग रहे हैं। सजा पर रोक नियम नहीं है। कम से कम 10 केस उनके खिलाफ लंबित हैं। राजनीति में शुचिता की आवश्यकता होती है। एक शिकायत (गांधी के खिलाफ) वीर सावरकर के पोते ने भी पुणे में दर्ज करा रखी है, कैंब्रिज में वीर सावरकर को लेकर उनके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों की वजह से। स्टे पर रोक आवदेक के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। दोष सिद्धि पर रोक के लिए कोई उचित आधार नहीं है। दोष सिद्धि उचित और वैध है।’

राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था। इसमें उन्हें दो साल की सजा हुई थी। राहुल गांधी ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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