Pok के वजूद को स्वीकार नहीं करता भारत, कश्मीर की विधानसभा में Pok के लिए 24 सीटें खाली : राजनाथ
जयपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के वजूद को स्वीकार नहीं करता है इसलिए उसने जम्मू कश्मीर की विधानसभा में Pok के लिए 24 सीटें खाली रखीं। सिंह जयपुर के पास धानक्या में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंतीपर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा, ‘‘यदि पाकिस्तान के वजूद को हम स्वीकार करते हैं तो यह नहीं मान लिया चाहिए कि Pok के वजूद को भी हम स्वीकार करते है… हम उसके वजूद को स्वीकार नहीं करते क्योंकि पाकिस्तान ने उस पर जबरन कब्जा कर रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘… हम उसके वजूद को स्वीकार नहीं करते और इसीलिये जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज भी Pok के लिये 24 सीटें खाली रखी गई हैं।’ राजनाथ ने कहा, ‘‘ … हम जाति पंथ और मजहब के आधार पर राजनीति नहीं करते। हम राजनीति करते है तो इंसाफ, इंसानियत और मानवता के आधार पर।’’ राजनाथ ने पाकिस्तान को आगाह किया कि वह 1971 की गलती को नहीं दोहराए। उस युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश के रूप में नया देश सामने आया। उन्होंने कहा,‘‘मैंने कहा कि 71 की गलती मत दोहराना वरना Pok का क्या होगा, अच्छी तरह समझ लेना।’’
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए आज उनके राजनीतिक एवं आर्थिक दर्शन की व्याख्या की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार दीनदयालजी के बताए रास्ते पर ही काम कर रही है। pic.twitter.com/yhZ1dQJmZR
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 25, 2019
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘बराबर आतंकवादियों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने की, तोड़ने की यह कोशिश करता है। क्यों करता है?’’ बालाकोट हवाई हमले का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत ने कभी पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती नहीं दी। CRPF जवानों पर हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने आकर हमारे CRPF के जवानों की हत्या की थी तो आतंकवादियों के ठिकाने पर हमला करना था। हमने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, बालाकोट में केवल वहीं हमला किया जहां पाकिस्तानियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। हमने पाकिस्तान की सेना पर हमला नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पाकिस्तान की संप्रभुता को कोई चुनौती नहीं दी। इस हद तक हम लोगों ने सावधानी बरती है लेकिन आगे भी इसी तरह चलता रहा तो कुछ कहा नहीं जा सकता है।