भूपेश सरकार के छत्तीसगढ़ मॉडल को सराहा अखिल भारत कृषि गौ सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल ने
रायपुर। भूपेश सरकार के छत्तीसगढ़ मॉडल को देखने और समझने के लिए आज अखिल भारत कृषि गौ सेवा संघ के प्रख्यात गांधीवादी और कार्यकारी सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर, महासमुंद और गरियाबंद जिले के कई गांवों का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने सुराजी गांव योजना के नरवा , गरवा, घुरवा बाड़ी कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत देखी। प्रतिनिधिमंडल ने गांवों में गौठान और वहां स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में संचालित आय मूलक गतिविधियों के साथ-साथ नरवा विकास के कार्यों से जल संरक्षण और भू-जल संवर्धन की बेहतर होती स्थिति की मुक्त कंठ से सराहना की।
यहां यह उल्लेखनीय है कि अखिल भारत कृषि गौ सेवा संघ की स्थापना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी । इस संस्थान से जुड़े देश के 8 राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान , केरल महाराष्ट्र , झारखंड, बंगाल ,बिहार के प्रख्यात गांधीवादी और कार्यकारी सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ मॉडल के अवलोकन एवं अध्ययन भ्रमण पर छत्तीसगढ़ आया हुआ है।
प्रतिनिधि मंडल ने अपने भ्रमण के दौरान सर्वप्रथम रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड स्थित नवागांव (ल) गौठान की गतिविधियों का अवलोकन किया और वहां आय मूलक गतिविधियों का संचालन कर रही महिला समूह के सदस्यों से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में नागपुर हाई कोर्ट के अधिवक्ता अतुल सोनक , त्रिशूर केरला के पर्यावरणविद् विनय जो , सामाजिक कार्यकर्ता मनोज, स्वतंत्र पत्रकार श्याम पंधारी पांडे एवं विवेक देशपांडे, सेवाग्राम मेडिकल कॉलेज वर्धा के मेडिसिन अधिष्ठाता उल्हास जाजू, कृषि वैज्ञानिक तारक कटे, शिक्षिका किरण जाजू शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने इसके पश्चात रायपुर के सिरीखेड़ी स्थित कल्पतरु मल्टी यूटिलिटी सेंटर का भ्रमण कर वहां महिला समूह द्वारा तैयार किए जा रहे 28 प्रकार की हर्बल उत्पाद, मधुबन एवं बस्तर आर्ट पेंटिंग, बेकरी आइटम और आर. ओ . बाटलिंग प्लांट का मुआयना किया । प्रतिनिधिमंडल ने महिला समूह के स्वावलंबन को सराहा। डॉ उल्हास जाजू ने कहा कि भूपेश सरकार का छत्तीसगढ़ मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है ।
महासमुंद जिले में गौठान और वहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में संचालित गतिविधियों को प्रतिनिधि मंडल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला कहा। गरियाबंद जिले के केशोडार वन-धन औषधि केंद्र की गतिविधियों को देखकर प्रतिनिधि मंडल ने राज्य में औषधीय पौधों के संरक्षण के प्रयास की प्रशंसा की। प्रतिनिधिमंडल ने गरियाबंद वन मंडल के ग्राम पंचायत बंदेपुरा में बासीखाई नाला विकास कार्यक्रम के अंतर्गत कराए गए कार्यों का जायजा लिया और ग्रामीणों से इससे हो रहे लाभ की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि बासीखाई नाला का उपचार होने से भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। कुआं और नलकूप में, जहां पहले 180 फीट पर पानी मिलता था, अब 140 फीट पर पानी मिलने लगा है।